जयपुर। राजस्थान विधानसभा में राज्य बजट का सत्र पहले दिन से हंगामेदार रहा। गवर्नर कल्याण सिंह के अभिभाषण के दौरान विपक्षी सदस्यों ने कई मुद्दों पर सत्ता पक्ष को घेरते हुए अभिभाषण में व्यवधान डाला। वहीं इससे पहले सदन के बाहर मीडियाकर्मियों से सरकार के मंत्री व विधायक अलवर, अजमेर व मांडलगढ़ सीट पर हुई हार को लेकर बयानों से बचते रहे। अजमेर सीट के प्रभारी और चुनाव संचालन देख रहे परिवहन मंत्री युनूस खान ने अजमेर सीट पर हार पर पहले तो कुछ नहीं कहा, लेकिन जैसे ही मीडियाकर्मियों ने हार के पीछे जीएसटी के कारण के बारे में पूछा तो उन्होंने बेहद हैरत वाला बयान दिया।
युनूस खान ने कहा कि अजमेर संसदीय सीट में जाट समाज को छोड़कर सभी को जीएसटी समझ में आ गई है यानि जाट समाज को जीएसटी समझ नहीं आई। खान के इस बयान को लेकर कई मायने निकाल जा रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि युनूस खान के इस बयान से लगता है कि जाट समाज ने भी बीजेपी प्रत्याशी रामस्वरुप लांबा को वोट नहीं दिए है। यह वोट बैंक भी कांग्रेस की तरफ फिर से लौट गया है। वहीं खान के इस बयान को लेकर विवाद भी सामने आ सकता है। खान के इस बयान को जाट समाज गंभीरता से ले सकता है। खान के इस बयान को कटाक्ष के तौर पर देखा जा रहा है।