जयपुर। बाडमेर में रिफाइनरी के दुबारा शिलान्यास को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर बड़ा आरोप लगाया है। गहलोत ने कहा कि राज्य की जनता ने भाजपा को भारी बहुमत देकर जिताया, लेकिन चार साल में ही जनता कहने लगी है कि इतना बहुमत देने पर भी विकास कार्य क्यों नहीं हो रहे हैं। केन्द्र में भाजपा सरकार है। राज्य में भी भाजपा की सरकार, फिर भी विकास के प्रोजेक्ट रुके क्यों। बाड़मेर रिफाइनरी, जयपुर मेट्रो प्रोजेक्ट, परवन सिंचाई प्रोजेक्ट, बांसवाड़ा रेल प्रोजेक्टों को इसलिए रोक दिया कि क्योंकि ये कांग्रेस सरकार की देन थी। इन प्रोजेक्टों को रोकने से जनता और किसानों को जो लाभ मिलता, वो नहीं मिला, बल्कि लागत भी कई गुणा बढ़ गई और विकास अवरुद्ध हो गया।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेशवासी इस सच्चाई से भलीभांति परिचित हैं कि चुनावी वर्ष को देखते हुए सरकार को रिफाईनरी परियोजना को लेकर झुकना पड़ा है। उन्होंने सवाल किया कि राजस्थान में दो लोकसभा और एक राज्य विधानसभा सीट के लिए चुनावी घोषणा के साथ आचार संहिता लागू हो जाने के बावजूद रिफाईनरी का शिलान्यास किया जाना क्या आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है?। रिफाईनरी एक जिले अथवा क्षेत्र विशेष के लिए महत्वपूर्ण नहीं है। यह सम्पूर्ण राज्य को प्रभावित करने वाली एक महत्वाकांक्षी परियोजना है। गहलोत ने कहा कि रिफाइनरी जैसी महत्वाकांक्षी योजना को लेकर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के झूंठे और असत्य एवं गुमराह करने वाले बयानों से राजस्थान को जो नुकसान हुआ है, उसके लिए वे पाप की भागीदार हैं और उन्हें प्रदेशवासियों से माफी मांगनी चाहिए।