bjp rajasthan
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– राकेश कुमार शर्मा
जयपुर। देश की राजनीति के लिए महत्वपूर्ण उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी की फतह को लेकर राजनीतिक दल किस कदर तैयारियां में लगे हुए हैं, इसकी बानगी भाजपा, कांग्रेस, सपा और बसपा में देखी जा सकती है। चारों दल एक-दूसरे के प्रमुख नेताओं को तोडऩे में लगे हुए हैं, वहीं उन दलों के जातिगत समीकरणों में सेंधमारी में भी लगे हुए हैं। उत्तरप्रदेश चुनाव में जातिगत समीकरण काफी अहमियत रखते हैं। यहीं वजह है कि यूपी चुनाव में अपनी पार्टी की जीत देखने के लिए चारों ही दल हर उस जाति और समाज को लुभाने में लगे हुए हैं, जो उन्हें सत्ता तक पहुंचा सकता है। लोकसभा चुनाव में 80 में से 71 सीटें जीतने वाली और 43 फीसदी वोट बैंक हथियाने वाली भाजपा भी इसी राह पर है। खासकर बसपा के दलित वोट बैंक में सेंधमारी करते हुए उन्हें भाजपा से जोडऩे की नीति पर चल रही है। इसी के तहत बसपा के कई बड़े दलित नेताओं को पार्टी से जोड़ा है, वहीं मायावती के जाटव वोट बैंक को छोड़कर शेष सभी दलित जातियों में जबरदस्त घुसपैठ में लगी हुई है। इसके लिए दलित चेतना, बौद्ध सम्मेलन के अलावा यूपी के दलित चिंतकों व महापुरुषों के जयंती और पुण्यतिथि कार्यक्रमों को जोर-शोर से कर रही है। इसी तरह का एक आयोजन भाजपा की ओर से जन-जाति सम्मेलन के नाम पर दिल्ली में हो रहा है। चार दिन तक चलने वाले इस आयोजनों में वैसे तो पूरे देशभर से पार्टी के अनुसूचित जनजाति मोर्चा के कार्यकर्ता, पदाधिकारी शामिल होंगे, लेकिन इस आयोजन के पीछे मुख्य उद्देश्य यूपी चुनाव में जनजाति समाज को पार्टी के पक्ष में कैसे खड़ा किया जाए, उस पर गहन मंथन होगा और इस कार्य के लिए कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी तय की जाएगी। बताया जाता है कि 25 से 28 अक्टूबर तक दिल्ली के इनडोर स्टेडियम में होने वाले इस सम्मेलन में करीब दो लाख से अधिक मण्डल स्तर के पदाधिकारी शामिल होंगे। जनजाति समाज के सांसद, विधायक व दूसरे जनप्रतिनिधियों को भी बुलाया गया है। चार दिन तक चलने वाले इस सम्मेलन को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, अध्यक्ष अमित शाह व दूसरे बड़े नेता संबोधित करेंगे। सम्मेलन में केन्द्र सरकार की उपलब्धियों व पार्टी कार्यक्रमों पर तो चर्चा होगी, साथ ही यूपी चुनाव में पार्टी को दलित वोट बैंक कैसे हासिल हो और उसके लिए क्या तैयारी की जाए, उस पर भी मंथन होगा। इसी सम्मेलन में कार्यकर्ताओं को यूपी चुनाव में लग जाने और जो लक्ष्य दिए गए हैं, उसे पूरा करने की जिम्मेदारी तय की जाएगी। बताया जाता है कि यूपी चुनाव में जनजाति मोर्चा के करीब एक लाख कार्यकर्ताओं को लगाने का लक्ष्य रखा गया है, ताकि वे दलित समाज को पार्टी से जोड़ सके। इसके लिए बाकायदा प्रशिक्षित भी किया जा रहा है। हर विधानसभा क्षेत्र में मण्डल व बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं को लगाया जाएगा। खासकर अनुसूचित जाति व जनजाति बहुल सीटों पर। स्थानीय कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर दूसरे राज्यों के कार्यकर्ता पार्टी के तय लक्ष्य को पूरा करने में सहयोग देंगे। बताया जाता है कि विधानसभा चुनाव के दो महीने पहले से ही प्रशिक्षित कार्यकर्ताओं को वहां भेजा जा सकता है।
– राजस्थान से जाएंगे पांच हजार कार्यकर्ता
इस सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए राजस्थान से भी पांच हजार से अधिक कार्यकर्ता जाएंगे। इसमें सांसद, विधायक, जिला प्रमुख, प्रधान, पंचायत समिति सदस्य व पार्षदों के अलावा मण्डल स्तर के पदाधिकारी व प्रमुख कार्यकर्ता हिस्सा लेंगे। भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष हेमराज मीणा व महामंत्री प्रहलाद पंवार ने बताया कि सम्मेलन को लेकर प्रदेश भर में बैठकों का दौर चल रहा है। पांच हजार कार्यकर्ता सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। सभी जिलाध्यक्षों को जिम्मेदारी तय कर दी गई है। सम्मेलन में समाज के पथ-प्रदर्शकों व स्वतंत्रता सेनानियों का भी सम्मान किया जाएगा। सम्मेलन में अधिकाधिक कार्यकर्ताओं की भागीदारी तय करने के लिए भाजपा मुख्यालय में मोर्चा की बैठक भी हुई, जिसमें मोर्चा के राष्टÓीय उपाध्यक्ष रमेश मीणा, प्रदेश उपाध्यक्ष जगदीश मीणा, मंत्री सुरेश मीणा, बाबूलाल मीणा, गिरिराज मीणा, मेघराज मीणा, बलवीर सिंह, गणेश राम मीणा आदि ने सम्मेलन की महत्ता बताते हुए कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी तय की गई।

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