जयपुर। राजस्थान में गुर्जर, रैबारी समेत विशेष पिछडी जाति के अभ्यर्थियों के लिए भर्ती पर लगी रोक हटाने की मांग को लेकर राजस्थान के दौसा जिले के सिकंदरा मे अनशन पर बैठे देवाराम की शादी भी अनशन स्थल पर ही हुई। दो दिन पहले देवाराम की सगाई की रस्म यहीं हुई थी। राजस्थान हाईकार्ट द्वारा गुर्जर व विशेष पिछडा वर्ग को दिए आरक्षण पर रोक लगाने के आदेश के बाद राजस्थान में गुर्जर व विशेष पिछडा वर्ग में शामिल जातियो के अभ्यर्थियों की भर्तियां अटक गई हैं। इन भर्तियों का रास्ता साफ करने की मांग की लेकर इन जातियों के अभ्यर्थी पिछले दस दिन से सिकंदरा में अनशन कर रहे है। यह अनशन उसी स्थान पर चल रहा है जहां गुर्जर आंदोलन में मारे गए अभ्यथियों की समाधि बनी हुई है। इस अनशन पर बैठे देवाराम गुर्जर की गुरूवार को शादी थी। देवाराम ने शादी के लिए अनशन छोडने से मना कर दिया तो उसके परिजनों ने दो दिन पहले यहीं उसकी सगाई कराई और अब गुरूवार को बारात ले जाने के बजाए देवाराम की दुल्हन ममता यहां आई और अनशन स्थल पर ही दोनों की शादी हुई। देवाराम का कहना था कि मेरे लिए मेरा समाज सब कुछ है और जिस मांग को लेकर हम यहां बैठे हैए जब तक उस पर कोई ठोस कारज़्वाई नहीं होती, मै यहां से उठूंगा नहीं। शादी के बाद मेरी दुल्हन मेरे घर चली जाएगीए लेकिन मैं यहीं रहूंगा। गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के प्रवक्ता हिम्मत सिंह गुर्जर का कहना है कि गुर्जरों के समाधि स्थल पर समाज के युवक ने अपनी शादी कर अनूठी मिसाल पेश की है और यह सरकार के लिए सोचने वाली बात है कि एक युवक को अपनी शादी अनशन स्थल पर करनी पड रही है। सरकार को हमारी मांग पर गम्भीरता से विचार कर समाधान निकालना चाहिए।

LEAVE A REPLY