Potatoes

नई दिल्ली : आलू के कम खरीद मूल्य का विरोध कर रहे किसानों ने अनूठा विरोध प्रदर्शन करते हुए किसानों ने राजधानी की कई महत्वपूर्ण जगहों पर आज आलू फैला दिये । राज्य सरकार ने हालांकि इसे असामाजिक तत्वों का काम बताया ।लखनउ के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने भाषा को बताया कि एक ट्रक पर आलू की बोरियां भरी थीं । इसी आलू को आज सुबह शहर की विभिन्न जगहों पर फैला दिया गया । ये पता किया जाना है कि ये काम किसानों ने किया या फिर और किसी ने । अब तक किसी किसान संगठन ने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली है ।

उन्होंने कहा कि विधानसभा मार्ग, वीवीआईपी गेस्ट हाउस के निकट और 1090 चौराहे के पास आलू फेंके गये । इसके बाद नगर निगम ने फेंके गये आलू हटाये और सडक पर मिटटी बिखेरी ताकि दोपहिया वाहन चालक सडक पर फिसलने ना पायें । विधान भवन के पास दमकल की गाडियां भी लगायी गयीं ताकि सडकों को साफ किया जा सके और कोई फिसलने नहीं पाये ।शर्मा ने कहा कि यह असामाजिक तत्वों का कार्य लगता है । यह पूरी तरह स्पष्ट नहीं है कि यह किसानों या किसान संगठनों का कार्य है । जांच की जा रही है । घटना के पीछे मकसद जानने का प्रयास किया जा रहा है ।राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि यह काम किसानों ने नहीं बल्कि शरारती तत्वों ने किया है ।

इस बीच राष्ट्रीय किसान मंच के अध्यक्ष शेखर दीक्षित ने कहा कि सरकार की कथनी और करनी में अंतर है । हालात नहीं सुधरे तो आज आलू किसानों ने लखनउ की सडकों पर आलू फेंका है, कल गन्ना किसान यही काम कर सकते हैं और परसों गेहूं एवं धान के किसान ऐसा कर सकते हैं ।दीक्षित ने कहा कि अगर हालात नहीं सुधरे तो उत्तर प्रदेश में मंदसौर जैसी हिंसा हो सकती है ।उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि यह पूर्व नियोजित था क्योंकि जो आलू सडकों पर फेंका गया, वह सडा हुआ था । यह योगी आदित्यनाथ सरकार की छवि धूमिल करने का जानबूझकर किया गया प्रयास है ।

 

LEAVE A REPLY