Lodha Commitee
 नई दिल्ली। केंद्रीय विधि और न्याय राज्य मंत्री पी पी चौधरी ने देश की अदालतों में लंबित करोडांे मामलों का शीघ्र निपटारा करवाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी विशेष कर भारत सरकार की ई-कोर्ट्स मिशन मोड परियोजना की क्रियान्वित में मदद करने के लिए उच्च न्यायालयों से सहयोग मांगा। चौधरी ने राज्यो के मुख्य न्यायाधीशों को लिखे पत्र में कहा कि वे पीड़ित लोगों, अभिभाषकों और न्यायालयों के हित में ई कोर्ट्स को बढ़ावा देने में मदद करे। उन्होंने बताया कि भारत सरकार देश की न्याय वितरण प्रणाली में सुधार करने के लिए लगातार ठोस प्रयास कर रही है। ई-कोर्ट मिशन मोड परियोजना केंद्र सरकार की उच्च प्राथमिकता प्रयासो में शामिल है। ई-न्यायालयों परियोजना का उद्देश्य जिले और देश में अधीनस्थ अदालतों का कम्प्यूटरीकरण कर को सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी)  के माध्यम से न्याय वितरण प्रणाली में तेजी लाकर वादियों, वकीलों और न्यायपालिका के लिए सुविधाजनक सेवाएं प्रदान करना है। वर्तमान में डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के अंतर्गत यह परियोजना अपने दूसरे चरण में है। चौधरी ने बताया कि इस परियोजना के अंतर्गत 14,182 जिला और अधीनस्थ न्यायालयों को कंप्यूटरीकृत कर राष्ट्रीय ई-न्यायालय पोर्टल से जोड़ा गया है। इस पोर्टल पर कोर्ट संबंधी मामलो का पंजीकरण, कॉज सूची, केस की स्थिति, दैनिक कोर्ट आदेश के विवरण अंतिम निर्णय आदि ऑनलाइन सेवाएं उपलब्ध करवाई जा रही है। राष्ट्रीय न्यायिक डाटा ग्रिड पोर्टल पर 10,000 से अधिक न्यायालयों से जुड़े मामलों की स्थिति ऑन लाईन दी जा रही  हैं, कुछ अदालतों द्वारा आदेश-निर्णय अपलोड किये जा रहे हैं।
इस पोर्टल पर देश की अदालतों में  चल रहे 7 करोड़ से अधिक मामलों और 3 करोड़ निर्णय मौजूद जानकारी को/आदेश उपलब्ध हैं। 10 लाख से अधिक मामले प्रति दिन राष्ट्रीय ई-पोर्टल पर पंजीकृत हो रहे हैं। ई कोर्ट्स मिशन मोड  परियोजना सभी वेब साइट्स के बीच काफी लोकप्रिय हैं और 5 शीर्ष साइटों में से एक हो गयी है। सितंबर 2015 में पोर्टल के शुभारंभ के बाद इस पर 3.86 करोड़ ई-मामलो को दर्ज किया गया है।

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