भोपाल। फसलों का उचित मूल्य दिलाने, कर्जा माफी समेत कई मुद्दों को लेकर मध्यप्रदेश का किसान आंदोलन साथी किसानों की मौत से बुधवार को बेकाबू हो गया है। मंदसौर में पुलिस फायरिंग में छह किसानों की मौत होने के बाद से किसान ज्यादा उग्र हो गए हैं। किसानों ने आज बुधवार को राजमार्ग-रास्ते बाधित किए। कई वाहनों को आग के हवाले भी कर दिया। पुलिसकर्मियों पर पथराव भी किया। मंदसौर में आंदोलित किसानों और गोलीबारी में मृतक किसानों के परिवारों से मिलने आए जिला कलक्टर और पुलिस अधीक्षक से धक्का-मुक्की व मारपीट की। उनके कपड़े भी फाड़ दिए। बमुश्किल पुलिस जवान उन्हें किसानों के बीच में से लेकर आए। उधर कांग्रेस ने पुलिस फायरिंग व किसानों की मौत मामले में मध्यप्रदेश बंद रखा है। मंदसौर के बरखेड़ा पंत में एक छात्र की पुलिस गोली से मौत के बाद परिजन व किसान छात्र अभिषेक के शव लेकर सड़क पर बैठ गए और चक्का जाम कर दिया। वे सीएम शिवराज सिंह को बुलाने और गोलीबारी करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे। कलक्टर स्वतंत्र कुमार व एसपी ओ.पी.त्रिपाठी लोगों को शांत कराने पहुंचे, लेकिन उन्हें देखते ही ग्रामीण व किसान उग्र हो गए। एक किसान ने कलक्टर को चांटा मार दिया। धक्कामुक्की की व कपड़े फाड़ दिए। हालांकि बाद में आंदोलित लोगों व प्रशासन में सहमति बनने पर लोग अभिषेक के दाह संस्कार को राजी हो गए। उधर आज भी मंदसौर, पिपलिया, मंडी, नारायणगढ़, सुमात्रा में कफ्र्यू रहा। स्कूल-कॉलेज बंद रही। इंदौर, भोपाल समेत दूसरे शहरों में भी किसानों ने आंदोलन किए हैं। गोलीकाण्ड के बाद भाजपा सरकार बैकफुट पर है। किसानों को एक करोड़ का मुआवजा दिया है, साथ ही उनकी मांगों पर सकारात्मक वार्ता का आश्वासन दिया है।

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