जयपुर। महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने शुक्रवार को विधानसभा में कहा कि बेटी बचाओं, बेटी पढ़ाओं योजना के अन्र्तगत केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश को राशि का  आवंटन समय पर नहीं होता है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की योजना के नीति- निर्धारण में कमी के कारण बच्चियों को योजना का वास्तविक लाभ समय पर नहीं मिल पाता।
भूपेश प्रश्नकाल में विधायकों द्वारा इस सम्बन्ध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रही थी। उन्होंने कहा कि बेटी बचाओं- बेटी पढ़ाओं योजना के अन्र्तगत केन्द्र सरकार द्वारा राज्य सरकार को 50 लाख रुपये की राशि का आवंटन एक वर्ष में दो चरणों में किया जाता है। प्रथम चरण में अप्रेल से सितंबर तक 25 लाख तथा द्वितीय चरण अक्टूबर से मार्च माह तक 25 लाख रुपये का आवंटन किया जाता है।
उन्होेंने बताया कि गत सरकार को वर्ष 2015 से वर्ष 2018 के बीच में 12 करोड़ रूपये केन्द्र सरकार से प्राप्त हुए थे, उसमें से मात्र 28 प्रतिशत खर्च गत सरकार द्वारा किया गया था। उन्होंने बताया कि वर्तमान सरकार को वर्ष 2019 से वर्ष 2021 तक 11 करोड़ रुपये केन्द्र सरकार से योजनान्र्तगत प्राप्त हुए थे और कोरोना काल के बावजूद हमारी सरकार द्वारा अब तक 45 प्रतिशत राशि योजना में व्यय किया जा चुका है।
भूपेश ने बताया कि योजना में केन्द्र सरकार राज्य सरकार को समय पर राशि का आंवटन नहीं करती है तथा फरवरी में द्वितीय किश्त आनी थी, लेकिन अभी तक 22 जिलों में पहली किश्त ही आई है। उन्होंने कहा कि योजना के वास्तविक लाभ के लिए केन्द्र सरकार को राशि आवंटन में देरी करने की नीति में परिवर्तन करना चाहिए।
इससे पहले भूपेश ने विधायक अनिता भदेल के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि बेटी बचाओं बेटी पढाओं योजनान्तर्गत वर्ष 2019, वर्ष 2020 एवं वर्ष 2021 में आवंटित राशि की जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2019-20 में जिलों के लिए 8 करोड 86 लाख 61 हजार रुपये प्राप्त हुए थे उसमें से राज्य सरकार द्वारा 4 करोड 36 लाख 37 हजार रुपये व्यय किए गए। इसी प्रकार वर्ष 2020-21 में जिलों के लिए प्राप्त राशि 8 करोड 45 लाख 41 हजार रुपये में से 5 करोड 25 लाख 67 हजार रुपये व्यय किया गया।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2021-22 जिलों के लिए प्राप्त राशि 6 करोड 94 लाख 60 हजार में से 2 करोड 28 लाख 35 हजार रु(31 जनवरी 2022 तक) व्यय किए गए। उन्होंने जिलेवार आवंटित राशि व व्यय का विवरण सदन के पटल पर रखा। उन्होंने बताया कि वर्तमान में योजनान्तर्गत ब्लॉक टास्क फोर्स , जिला एवं राज्य टास्क फोर्स की नियमित बैठकें आयोजित की जा रही हैं। योजना की निगरानी हेतु राज्य स्तर से भी समय-समय पर दिशा-निर्देश प्रदान किये जा रहे हैं।

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