पल्लकड़। केरल के एक स्कूल में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण करने वाली करेक्टर का ट्रांसफर कर दिया गया है। लोग का कहना है कि ट्रांसफर इसीलिए किया गया है कि उन्होंने मोहन भागवत को ध्वजारोहण करने से रोका था। मगर केरल सरकार का कहना है कि इस घटना से ट्रांसफर का कोई लेना-देना नहीं है यह एक रूटिन ट्रांसफर है उनके साथ 4 और कलेक्टर का ट्रांंसफर किया गया है। पल्लकड़ की कलेक्टर पी. मेरीकुथी ने आदेश दिया था कि कोई भी राजनीतिक व्यक्ति स्कूल में ध्वजारोहण नहीं कर सकता है। हालांकि, उनकी रोक के बावजूद भी मोहन भागवत ने ध्वजारोहण किया था।

सुरेश बाबू को पल्लकड़ का नया कलेक्टर नियुक्त किया गया है। मोहन भागवत के तिरंगा फहराने के बाद मेरीकुथी ने सरकार को दी गई रिपोर्ट में कहा था कि मोहन भागवत पर केस दर्ज होना चाहिए. उन्होंने पुलिस को इसके निर्देश भी दे दिए थे। हालांकि आरएसएस ने भागवत का बचाव करते हुए कहा कि स्कूल प्रशासन की मर्जी के बाद ही उन्होंने ऐसा किया था। कलेक्टर का आदेश था कि स्कूल में केवल उससे जुड़ा व्यक्ति या फिर कोई चुना ही व्यक्ति ही झंडा फहराए। गौरतलब है कि बीजेपी और आरएसएस पिछले काफी समय से केरल में अपनी पैठ बनाने को जुटी हैं। केरल में संघ कार्यकतार्ओं पर हमले और हत्या के मामलों में भी बढ़ोतरी हुई है। आरएसएस ने पहली बार 2002 में नागपुर में तिरंगा फहराया था।

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