– वजाहत अख्तर
टोंक। देश और प्रदेश में आपने जमीन में गढे हुए धन के लालच में आकर लोगों को ठगी का शिकार होने की खबरें तो कई बार सुनी होंगी, लेकिन टोंक जिले के मालपुरा उपखण्ड के जानकीपुरा गांव में गढ़े धन का लालच कहे या अंधविश्वास, हर किसी में उसे हथियाने के लिए जबरदस्त होड़ मची हुई है। जानकीपुरा गांव के ही नहीं आस-पास के गांव के भी हजारों ग्रामीण पुरुष, महिलाएं और बच्चे गढ़े खजाने की आस में सुबह से रात तक खुदाल-फावड़े लेकर पहुंच रहे हैं और दिनभर खुदाई करते देखे जा सकते हैं। पिछले पांच-छह दिन से यह सिलसिला चल रहा है। इन दिनों में किसी को कोई खजाना तो नहीं मिला, अलबत्ता खजाने के लालच में गांव की खाली जमीन को खोद-खोद कर गडढे में जरुर तब्दील कर दिया गया है। लोगों में अजीब सी धुन सवार है, खजाना पाने की। तड़के से ही कुदाल, फावडा व गेत्ती लेकर मिट्टी खोदने में लग जाते हैं। मिला अभी तक किसी को कुछ नहीं, लेकिन खुदाई में लगे हुए हैं। प्रशासन व पुलिस भी समझाकर हार चुका है। कुछ लोगों को गिरफ्तारी भी की, लेकिन कोई असर नहीं दिख रहा है।
जमीन में गढे सोने के सिक्कों को हर कोई लूट लेना चाहता है। बच्चे से लेकर बूढे तक महिलाओं से लेकर किसान तक सभी हाथों में खुदाल.फ ावडे लेकर नदी किनारे गड्डे खोदने में इतने व्यस्त हैं कि उन्हे दुनिया की परवाह ही नही है। हर तरफ बस एक ही पुकार है, सिक्का कुण ना मिलया…। सबसे ज्यादा अफ सोस की बात तो यह है कि लोगों में जमीन में गढे सोने के सिक्कों को लेकर अन्धविश्वास फैलता ही जा रहा है। ना तो प्रशासन इस ओर कोई ध्यान दे रहा है और ना ही डिग्गी थाना पुलिस लोगों के इस अन्धविश्वास पर काबू कर पा रही है। जमीन में गढे सिक्कों की खबर आग की तरह से गांव-गांव ढाणी-ढाणी फैलती जा रही है।

इतनी मेहनत तो बुवाई में करते लहराती फसलें

जानकीपुरा गांव में जगह-जगह मिट्टी खुदाई करते लोग देखे जा सकते हैं। गांव के बच्चे पढाई छोड कर, महिलां घरेनू कामकाज और किसान खेती बाडी छोड कर हाथों में खुदाल फ ावडे और सरिये लेेकर जमीन खोदने में व्यस्त हैं। गांवो के सभी लोग घरों में ताला डाल कर दबेडिया नाडी के किनारे एक पाल खोदने में लगे हैं। गांव के लोगों का मानना है कि यहां से अब तक करीब 300 से भी ज्यादा सोने के सिक्के निकाले जा चुके हैं। गांव वालों का यह भी कहना है कि सिक्के भी सिर्फ महिलाओं के ही हाथ लग रहे हैं। दरअसल गाँव के पास ही एक पीर बाबा का भी मजार है, जिन पर गाँव के लोगों की गहरी आस्था भी है। ऐसे में लोगों का अंधविश्वास है कि बाबा के चमत्कार के चलते ही यहाँ सिक्के मिल रहे हैं। गाँव के लोगों की मानें तो पाँच रुपए के सिक्के के आकार के यह सिक्के दो हज़ार साल से भी ज्यादा पुराने बताए जा रहे हैं। गांव वाले यह भी बता रहे हैं कि जिन्हें सिक्के मिले हैं, उन सिक्कों के एक तरफ़ भगवान की मूर्ति अंकित बताई जा रही है तो दूसरी तरफ़ प्राचीन मोहर लगी हुई है। हर कोई सिक्के मिलने की बात को कहता है, लेकिन सिक्के किसे मिले, यह कोई नहीं बताता है और ना ही अभी तक जमीन में मिले सिक्कों के किसी ने दर्शन करवाए हैं। बस सिक्के मिलने की अफवाह मची हुई है और उसकी खोज के लिए गांव वाले खुदाई में डटे हुए हैं। कुछ समझदार लोग यह टिप्पणी करने से भी गुरेज नहीं कर रहे हैं कि इतनी खुदाई खेतों में करते तो इतना सोना तो फसलों के रुप में मिल जाता।

– टोंक भर से आ रहे हैं लोग

जानकीपुरा गांव की दबेडिया नदी की पाल के पास चार दिन पहले सिक्के मिलने की अफ वाह अब पूरे टोंक जिले में आग की तरह फैल गई है। हर कोई सोने की सिक्कों की चाह में यहां खींचा चला आ रहा है। हर कोई सिक्के मिलने की सुनी सुनाई बातें सुना रहा है। सोशल मीडिया और अखबारों में गांव में लगातार जमीन में गडे सोने के सिक्के मिलने की अफ वाह जोर पकडती जा रही है लेकिन टोंक प्रशासन पूरे मामले में अब तक मुकदर्शक बना हुआ है। हजारों की तादाद में ग्रामीण यहां जमा हो रहे हैं। मिट्टी खोदी जा रही है, जो कभी भी एक बडे हादसे का सबब बन सकती है। प्रशासन भी किसी बडी अनहोनी के इन्तेजार में कुम्भकरण की नींद सो रहा है। लगातार चल रही इस खुदाई में भले ही सोने के सिक्के मिले या ना मिले लेकिन अफवाहों के चलते यहां हजारों लोग पहुंच रहे हैं। मिट्टी को तो खोद ही डाला। अब उनमें झगड़े भी होने लगे हैं। अगर इस पर लगाम नहीं लगाई तो झगड़ा फसाद हो सकता है।

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