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जयपुर। राजस्थान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी ने कहा है कि यदि प्रदेश के चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ सच्चे हैं तो फिर समूचा प्रदेश ही झूठा है। डूडी ने कहा कि आजादी के सत्तर सालों में सराफ प्रदेश के सबसे गैर-जिम्मेदार चिकित्सा मंत्री हैं। प्रदेश में स्वाइन फ्लू, डेंगू के प्रकोप से लगातार मौतें हो रही हैं। बांसवाड़ा में एक सौ से अधिक नवजातों की लापरवाही से मौतें हो गई। प्रदेश में हजारों सरकारी डॉक्टर इस्तीफा देने को मजबूर हैं। प्रदेश में चिकित्सा व्यवस्था बदहाली की शिकार है। लेकिन प्रदेश के चिकित्सा मंत्री के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है। नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी ने कहा है कि कोटा में भाजपा विधायकों ने चिकित्सा मंत्री को सच का आईना दिखाने की कोशिश की है। इस सच को चिकित्सा मंत्री को कबूल करना चाहिए लेकिन वे अपने ही विधायकों पर भड़क रहे हैं। डूडी ने कहा कि सरकार पूरे प्रदेश में डेंगू से सिर्फ पांच मौतें होना स्वीकार कर रही है, जबकि कोटा संभाग में ही 160 मौतों का दावा भाजपा विधायक कर रहे हैं। ऐसा लगता है कि सरकार सच्चाई छिपा रही है। एलाइजा टेस्ट पॉजिटिव आने पर ही सरकार डेंगू को कन्फर्म मान रही है और यह गाइडलाइन प्रदेष की जनता की जान के साथ खिलवाड़ है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रदेश में स्वाइन फ्लू को लेकर सरकार की निष्क्रियता सबके सामने हैं। सत्तारूढ़ दल की एक विधायक की भी जब जान नहीं बचाई जा सकी तो आम आदमी जो पीड़ा भोग रहा है, उसका अंदाज लगाना सहज है। डूडी ने कहा है कि प्रदेश के हजारों सरकारी डॉक्टर सामूहिक इस्तीफे सौंपने को तैयार हैं। प्रदेश में मौसमी बीमारियों ने फिर अपना कहर दिखाना शुरू कर दिया है। यदि सरकार ने तत्काल कोई रास्ता नहीं निकाला तो चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह चरमरा जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश पहले से ही डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है। पिछले चार साल में मौजूदा सरकार डॉक्टरों के कमी को पूरा करने में विफल रही है। प्रदेश की जनसंख्या के अनुपात में सरकारी अस्पतालों में फिजिशिएन 69 प्रतिशत कम हैं और सर्जन 71 प्रतिशत कम हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों तक में महिला डॉक्टर नहीं है। इन हालात में सरकार की जिम्मेदारी थी कि वह प्रदेश में चिकित्सा व्यवस्था को प्राथमिकता से ले, लेकिन प्रदेश के चिकित्सा मंत्री की मेरिट में ही उनका विभाग नहीं है और चिकित्सा विभाग में अंधेर नगरी चैपट राजाजैसे हालात हो गये हैं।

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