जयपुर. विधानसभा के मानसून सत्र में बुधवार को भी खूब हंगामा हुआ। इस बीच विधानसभा में बहस के बाद राजस्थान कोचिंग इंस्टीट्यूट कंट्रोल्ड एंड रेगुलेशन बिल 2025 को पारित किया गया। बिल के प्रावधानों के अनुसार कोई कोचिंग एक साथ फीस नहीं ले सकेगा। बीच में पढ़ाई छोड़ने पर ट्यूशन फीस और हॉस्टल फीस लौटानी होगी। 100 स्टूडेंट वाले कोचिंग संस्थानों को रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा। कोई कोचिंग सेंटर नियमों का उल्लंघन करता है तो पहली बार में 50 हजार और दूसरी बार में 2 लाख रुपए जुर्माना होगा। मनमानी फीस वसूलने पर कोचिंग का रजिस्ट्रेशन रद्द करने और जमीन कुर्क करने का भी प्रावधान किया है। इससे पहले, कांग्रेस विधायकों ने सदन का वॉकआउट किया। कांग्रेस और बीजेपी की नारेबाजी के बीच वन मंत्री संजय शर्मा नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली की तरफ बाहें चढ़ाकर आक्रामक अंदाज में बढ़ने लगे थे। संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल और सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने उन्हें रोका। शुरुआत पंजाब से राजस्थान के नहरों में आने वाले जहरीले पानी से हुई। इसके बाद स्मार्ट मीटर, झालावाड़ स्कूल हादसे को लेकर लगातार कांग्रेस हावी होने का प्रयास करती रही। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने तो यहां तक कह दिया कि बेशर्मों की सरकार है। जर्जर स्कूलों और झालावाड़ स्कूल हादसे को लेकर कांग्रेस विधायकों ने आज विधानसभा परिसर में प्रदर्शन किया। कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा के एंट्री गेट की सीढ़ियों पर जमकर नारेबाजी की। झालावाड़ स्कूल हादसे के मृतक बच्चों को सदन में श्रद्धांजलि नहीं देने को कांग्रेस ने मुद्दा बना लिया है। इसके विरोध में कांग्रेस विधायक सदन में काली पट्टी बांधकर पहुंचे। कोचिंग सेंटर में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स की शिकायतों के समाधान के लिए हर जिला लेवल पर 24 घंटे चलने वाले कॉल सेंटर खोले जाएंगे। कोचिंग सेंटर की शिकायतें सुनने और उनके निवारण के लिए जिला स्तर पर समिति भी बनेगी। कोचिंग सेंटर्स के रजिस्ट्रेशन और निगरानी के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला समिति बनेगी।
कमेटी में एसपी, संबंधित शहरी निकाय के आयुक्त, सीएमएचओ, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक, कलेक्टर के नॉमिनेटेड मेंबर और एडीएम प्रशासन इसके मेंबर होंगे। जिला समिति को भी सिविल कोर्ट के वही पावर होंगे, जो प्राधिकरण को है। कोचिंग सेंटरों को जिला समिति के पास अनिवार्य रूप से रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। जिला समिति कोचिंग का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जारी करेगी। नियमों का उल्लंघन हुआ तो रिन्यू करने से इनकार भी कर सकेगी। जिला समिति कोचिंग सेंटर का नियमित रूप से निरीक्षण करेगी।कोचिंग सेंटर पर निगरानी और कंट्रोल के लिए राजस्थान कोचिंग सेंटर प्राधिकरण बनेगा। इसमें उच्च शिक्षा विभाग के प्रभारी सचिव अध्यक्ष होंगे। इसके मेंबर्स में स्कूल शिक्षा विभाग, तकनीकी शिक्षा विभाग, मेडिकल एजुकेशन के सचिव, आईजी, कॉलेज शिक्षा आयुक्त, डीएलबी डायरेक्टर, एक साइकोलॉजिस्ट, वित्त विभाग से नॉमिनेट एक सचिव, कोचिंग सेंटर से 2 प्रतिनिधि, अभिभावक समिति से 2 मेंबर होंगे। उच्च शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव इसके सदस्य सचिव होंगे। 100 स्टूडेंट वाले कोचिंग को रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य, नियमों के उल्लंघन पर 50 हजार से 2 लाख तक जुर्माना विधानसभा में बहस के बाद राजस्थान कोचिंग इंस्टीट्यूट कंट्रोल्ड एंड रेगुलेशन बिल 2025 को पारित किया गया। अगर कोचिंग सेंटर बच्चों पर दबाव बनाते हैं या मनमानी फीस वसूल करते हैं और बिल के प्रावधानों का उल्लंघन करते हैं तो रजिस्ट्रेशन रद्द भी हो सकता है।
– जूली बोले 16 साल से कम उम्र के बच्चों को कोचिंग में नहीं पढ़ाने का प्रावधान क्यों नहीं
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कोचिंग रेगुलेशन बिल पर बहस के दौरान कहा- चाहे कितने हजार करोड़ की इंडस्ट्री हो, बच्चों के सुसाइड करने के लिए नहीं है। इस बिल को प्रवर समिति को भेजकर क्या सुधार किया? आपने जुर्माना कम करके कोचिंग को फायदा दिया, जुर्माना कम क्यों किया? कोचिंग के दायरे में लाने वाले संस्थानों की छात्र संख्या को बढ़ा दिया। इसके नए प्रावधान कोचिंग वालों को फायदा पहुंचाने वाले हैं। बच्चों की सुसाइड रोकने के लिए जितना फोकस होना चाहिए था, वह नहीं किया।
– भाटी बोले फीस के नाम पर लूट मची है, उसे कंट्रोल करने का प्रावधान नहीं
कोचिंग रेगुलेशन बिल पर बहस के दौरान निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने कहा कोचिंग पर जुर्माना कम करके अप्रत्यक्ष लाभ दे रहे हो। आपने फीस स्ट्रक्चर पर कोई बात नहीं की। फीस पर बैरियर होना चाहिए।
फीस के नाम पर चारों तरफ लूट मची हुई है। फीस पर कोई कंट्रोल नहीं है। फीस कंट्रोल करने के लिए इस बिल में कोई प्रावधान नहीं है। इस बिल का मकसद ही पूरा नहीं हो रहा। बिल का उद्देश्य खत्म हो चुका है।
पिछले दिनों एक वीडियो चला, जब एक कोचिंग से एक बच्ची कूदने वाली थी, टीचर्स ने उसे बचाया। कई जगह बच्चे सुसाइड करते हैं।
कोचिंग बिल में बनी कमेटियों में किसी जनप्रतिनिधि को शामिल नहीं किया है। जिला स्तर की कमेटियों में अफसर ही मेंबर हैं। एक भी जनप्रतिनिधि को इसमें शामिल नहीं किया। इससे अफसरशाही हावी होगी।
– हरीश चौधरी बोले कोचिंग इंडस्ट्री की चिंता तो लोकसभा में कुर्सी पर बैठने वाले तक कर रहे, बच्चों की चिंता कौन करेगा?
कोचिंग रेगुलेशन बिल पर बहस के दौरान कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी ने इसके प्रावधानों पर सवाल उठाए। हरीश चौधरी ने कहा हजारों करोड़ की कोटा कोचिंग इंडस्ट्री की हर कोई चिंता रहा है। कोई बच्चों को ईमानदारी से नहीं बता रहा कि तुम कोचिंग से जीवन खराब कर रहे हो, वहां सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी। कोचिंग इंडस्ट्री का संरक्षण तो आप कर रहे हो, लोकसभा में कुर्सी पर बैठने वाले कर रहे हैं, लेकिन बच्चों का कौन ध्यान रखेगा? हमें आमूलचूल बदलाव करना होगा। इस बिल से राजस्थान को न्याय नहीं मिलेगा। बड़े लोगों को न्याय मिलेगा। साढ़े 12 हजार करोड़ से 25 हजार करोड़ की कोचिंग इंडस्ट्री का संरक्षण तो हर कोई कर रहा है, इस राजस्थान को बचा लो। इतिहास लिखा जाएगा तो हम सबकी गिनती राजस्थान को खत्म करने वालों में आएगी, इस राजस्थान के बचा लो।

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