Trial of Dr. Abdul Hameed's Death Reference upto High Court hearing till 26

चित्तौड़गढ़। चिटफंड के मामले में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट क्रमांक 1 चित्तौड़गढ़ के पीठासीन अधिकारी इंद्रसिंह मीणा ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। अभियुक्त पियर्स इंडिया लिमिटेड के डायरेक्टर यूपी के आलोक त्रिपाठी को अलग-अलग धाराओं में सात वर्ष का कठोर कारावास तथा कुल 80 हजार रुपए अर्थदंड सुनाया है। अभियोजन अधिकारी मोहिता भार्गव ने बताया कि 2 अप्रैल 2019 को प्रार्थिया कंकूबाई ने एक परिवाद पीयर्स इंडिया कारपोरेशन लिमिटेड के डायरेक्टर व कर्मचारी आलोक त्रिपाठी आदि के विरुद्ध पेश किया था। इसमें बताया कि पीयर्स इंडिया कारपोरेशन लिमिटेड के नाम से कंपनी रियल स्टेट कारोबार एवं स्कीम के अंतर्गत परिचालन एवं निवेश कारोबार करवाती है। लोगों से किस्तों में निवेश करवा कर उनके जमा धन से जमीन खरीदना तथा ग्राहकों को किस्त लाभ पहुंचाने का कार्य था। निवेश की मैच्योरिटी के रूप में जमीन तथा अन्य परिलाभ नगद धनराशि आदि ग्राहकों को भारी मुनाफे के साथ लौटाने का कार्य था। उक्त कंपनी ने एक ब्रांच चित्तौड़गढ़ में भी खोली थी, जिसका कार्यालय जगन्नाथ टावर में था। चित्तौड़गढ़ से भी कई लोगों ने कंपनी में निवेश किया। ग्राहकों को परिलाभ के रूप में मोटा फायदा कराने के नाम पर सुनहरे सब्जबाग दिखा कर पूंजी निवेश कराया गया। लेकिन परिपक्वता पर लाभ नहीं दिए जाकर धोखाधड़ी व अमानत में खयानत की। इस मामले में प्रार्थिया के परिवाद की सुनवाई की गई। मामले में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट क्रमांक 1 चित्तौड़गढ़ के पीठासीन अधिकारी इंद्रसिंह मीणा ने बुधवार को अभियुक्त आलोक त्रिपाठी को दोषी पाया। अभियुक्त को आईपीसी की धारा 420/120(बी) में 7 वर्ष का कठोर कारावास व 50 हजार रुपए जुर्माना, 406/120(बी) में 3 वर्ष का कठोर कारावास व 20 हजार रुपए जुर्माना, चिटफंड अधिनियम 1982 की धारा 4 सपठित 76 के अंतर्गत 2 वर्ष का साधारण कारावास व 5 हजार रुपए जुर्माना, धारा 5 सपठित 76 चिटफंड एक्ट के तहत भी 2 वर्ष का साधारण कारावास और 5 हजार रुपए जुर्माना सुनाया। अभियोजन अधिकारी मोहिता भार्गव ने बताया कि न्यायालय में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की और से 18 गवाह और 262 दस्तावेज प्रदर्शित करवाए गए।

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