vaibrent samit

delhi.देश में शौचालयों का दायरा लगभग पूरा होने के साथ ही, देश भर में लोगों ने जागरूकता और संगठित होकर कार्य करने के साथ आज विश्व शौचालय दिवस मनाया। इसका मुख्य केन्द्र बिन्दु शौचालयों का इस्तेमाल था जो प्रधानमंत्री के अक्टूबर, 2019 तक स्वच्छ भारत के आह्वान से जुड़ा हुआ है।
इस अवसर पर एक ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छता और सफाई सुविधाओं को बढ़ाने के प्रति देश की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा, पिछले चार वर्षों में स्वच्छता का दायरा बढ़ने में जो तेजी आई है उस पर भारत गर्व करता है।

पेयजल स्वच्छता मंत्रालय द्वारा आयोजित स्वच्छ भारत विश्व शौचालय दिवस प्रतियोगिता का समापन आज राज्यों और जिलों में अनेक सामुदायिक गतिविधियों के साथ हुआ। विश्व शौचालय दिवस के अवसर पर बड़ी संख्या में स्कूली बच्चों, स्वास्थ्य कर्मचारियों और आंगनवाड़ी कर्मचारियों तथा आम जनता ने अपने गांव को खुले में शौचमुक्त करने की प्रतिबद्धता को दोहराया। पुरूषों, महिलाओं और बच्चों ने स्वच्छता की शपथ ली; स्कूली बच्चों ने गांव में मार्च किया और स्वच्छता का संदेश फैलाते हुए नुक्कड़ नाटक किए; दोहरे गड्ढे वाली टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल के बारे में वीडियो और अन्य कार्यक्रम दिखाए गए; बड़ी संख्या में लोगों ने हाथ धोए और स्वच्छता चैम्पियनों को पुरस्कृत किया गया।

एक विशेष कार्यक्रम में नीति आयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत, पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय में सचिव परमेश्वरन अय्यर ने एक शौचालय गड्ढे को खाली किया और इसके बात उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के वजीदपुर गांव में आयोजित ‘शौचालय संसद’ में भाग लिया। इसमें यह प्रतिज्ञा की गई कि समुदाय शौच मुक्त स्थिति को बरकरार रखेगा। जिले को शौच मुक्त बनाने के लिए स्वच्छाग्रहियों, स्वच्छ्ता चैम्पियनों, निगरानी समिति के सदस्यों को सम्मानित किया गया।
जिन जिलों और राज्यों ने विश्व शौचालय दिवस के दौरान सर्वश्रेष्ठ पहलें की हैं उन्हें मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत किया जाएगा।

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