जयपुर। विकास में युवा भागीदार बनें, योजनाओं का लाभ बिना किसी लीकेज के जरूरतमंदों तक पहुंचे तथा फ्लैगशिप योजनाओं की जानकारी अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति को भी हो। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने इसी सोच के साथ एक अभिनव पहल करते हुए युवाओं को भागीदार बनाकर राजस्थान युवा विकास प्रेरक कार्यक्रम की शुरूआत की है। राजे ने इस कार्यक्रम के तहत चयनित 93 युवा विकास प्रेरकों से मंगलवार को हरिश्चंद्र माथुर राज्य लोक प्रशिक्षण संस्थान के सभागार में संवाद किया। करीब एक घंटे तक चले इस कार्यक्रम में उन्होंने युवा विकास प्रेरकों का आह्वान किया कि कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी तथा उनका लाभ जरूरतमंदों तक पहुंचे, युवा विकास प्रेरक इस बदलाव में चेंज एजेंट की भूमिका निभाएं। राजे ने कॅरियर के शुरूआती दौर में ही सेवा का मार्ग चुनने पर इन प्रेरकों की सराहना की। मुख्यमंत्री ने इन प्रेरकों के दीक्षा संस्कार समारोह में कहा कि राज्य सरकार ने हर वर्ग को ध्यान में रखकर योजनाएं बनाई हैं। सरकार अंतिम छोर पर खड़े हर व्यक्ति तक विकास की धारा को ले जाना चाहती है, लेकिन जानकारी के अभाव तथा लीकेज के कारण कई बार इनका लाभ अंतिम छोर तक नहीं पहुंच पाता। वे लोग भी इन योजनाओं का फ ायदा उठा लेते हैं जो इसके हकदार नहीं हैं। ऐसे में युवा विकास प्रेरक इस मिसिंग लिंक को दूर करने में भागीदार बनें। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें लोगों के माइंडसैट में भी बदलाव लाना होगा और युवा विकास प्रेरक एक टीम वर्क के जरिए युवाओं को अपने साथ जोड़कर इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। समारोह में मुख्यमंत्री ने इस कार्यक्रम के वेब पोर्टल व मोबाइल एप को लॉन्च किया तथा ब्रोशर का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने इन प्रेरकों को प्रशिक्षण प्रमाण पत्र प्रदान किए तथा बैज लगाए। इस दौरान युवा विकास प्रेरकों ने भामाशाह योजना के पीछे मुख्यमंत्री की सोच, नव-युवतियों के लिए संदेश, मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान से प्रदेश की जल समस्या के समाधान तथा हैप्पीनेस इंडेक्स को लेकर राजे के विजन के बारे में जाना। इस अवसर पर राज्य वित्त आयोग की अध्यक्ष डॉ. ज्योति किरण तथा एचसीएम रीपा की महानिदेशक गुरजोत कौर भी मौजूद थीं।

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