– बर्खास्त मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने बुधवार को मीडिया के सामने लाल डायरी के तीन पेज सार्वजनिक किए
जयपुर। राजस्थान समेत पूरे देश में चर्चित लाल डायरी का कुछ अंश बर्खास्त मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने बुधवार को मीडिया के सामने सार्वजनिक किया है। इनमें आरसीए चुनाव से संबंधित बातों का उल्लेख है। गुढ़ा ने दावा किया कि डायरी में जो राइटिंग है, वह आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ की है। अगर किसी को इस पर कोई शक है तो इसकी किसी भी एजेंसी से जांच करवा लें। डायरी के जो अंश गुढ़ा ने आज जयपुर स्थित अपने आवास पर जारी किए उसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे और वर्तमान आरसीए चेयरमैन वैभव गहलोत, आरसीए के पदाधिकारी भवानी समोता और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पीएस सौभाग्य के भी नाम हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने ट्वीट कर कहा लीजिए, लाल डायरी का पहला पन्ना प्रदेश की कांग्रेस सरकार के राजकुमार वैभव गहलोत के काले कारनामों को लेकर पूर्व मंत्री ने उजागर कर दिया है। अब पूरी डायरी के सच का इंतजार है? जनता आपसे सच जानना चाहती है मुख्यमंत्री जी…कपोल कल्पित नहीं है लाल डायरी। केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत ने भी ट्वीट कर मुख्यमंत्री गहलोत पर निशाना साधा है, उन्होंने लिखा “लाल डायरी इस समय का सबसे बड़ा मुद्दा है! गहलोत के खास रहे राजेंद्र गुढ़ा जैसे खुलासे कर रहे हैं, उससे राज्य सरकार की लोकतांत्रिक नैतिकता पर सवाल उठ रहा है। जनता सोच रही है इतनी हेर-फेर करने वाला राज्य का मुखिया कैसे बना रह सकता है! गहलोत जी इस्तीफा नहीं देने वाले! लेकिन कांग्रेस आलाकमान क्या कर रहा है? क्या गहलोत के पास भी गांधी परिवार की कोई डायरी है जिसके कारण इतनी फजीहत के बाद भी वे पद पर बने हुए हैं?”
– भवानी सामोता ने जो वादा किया, वह पूरा नहीं किया
बतौर राजेंद्र गुढ़ा, आरसीए चुनाव से संबंधित जो बात धर्मेंद्र राठौड़ ने इसमें लिखी है। इसमें आरसीए चुनाव के हिसाब की बात की गई है, जिसमें लिखा गया है कि वैभव जी और मेरे (धर्मेंद्र राठौड़) बीच आरसीए चुनाव को लेकर चर्चा हुई, भवानी सामोता और राजीव खन्ना ने आरसीए चुनाव का पूरा हिसाब किया। भवानी सामोता ने ज्यादातर लोगों से जो वादा किया, वह उन्होंने पूरा नहीं किया। जिस पर मैंने (धर्मेंद्र राठौड़) कहा कि यह ठीक नहीं है आप इसे पूरा करो। तब भवानी सामोता ने कहा कि मैं साहब की जानकारी में डालता हूं, फिर आपको 31 जनवरी तक बता दूंगा। इसमें आगे जो लिखा हुआ है उसके अनुसार लिखा गया है कि सौभाग्य, पीएस टू सीएम को फोन कर कहा कि मेरा आरसी वाला हिसाब कर दे जरूरत है। उन्होंने कहा कि मैं सीएम साहब से बात कर बताता हूं। गुढ़ा ने इस दौरान कहा कि मुझे इस पूरे मामले में जेल में डाला जा सकता है, लेकिन अगर मैं जेल नहीं गया तो जल्द ही इस डायरी के कुछ और अंश भी सामने लाऊंगा। अगर मैं जेल चला गया तो फिर मेरा कोई प्रतिनिधि बाकी अंश को सार्वजनिक कर देगा। उन्होंने कहा कि जिस तरह से वसुंधरा राजे ने मुझे जेल भेजा था तो आज उनका राजनीति में कोई नाम लेने वाला नहीं है। अगर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी यह कोशिश की तो मैं दावा करता हूं कि उनका हाल भी वैसा ही होगा।
– पेजों पर आरसीए के करप्शन और लेनदेन का साफ उल्लेख
गुढ़ा ने कहा कि आज दिखाए गए पेजों पर आरसीए के करप्शन और लेनदेन का साफ उल्लेख है। मैं सरकार को नहीं बल्कि सरकार मुझे ब्लैकमेल कर रही है और रंधावा ने मुझ पर माफी मांगने के लिए दबाव भी बनाया था। पूर्व मंत्री ने कहा कि मैं इस डायरी को विधानसभा में टेबल करना चाह रहा था, जिससे सारे तथ्य आधिकारिक रूप से सामने आ जाएं। उन्होंने कहा कि यहां तो गहलोत कांग्रेस है। सीएम की एक जेब में प्रभारी रंधावा हैं तो एक जेब में डोटासरा हैं, हाईकमान भी कमजोर है। अगर मुझे सरकार ने जेल में डाला तो सरकार के समाचार समाप्त हो जाएंगे, लोग कहेंगे वन्स अपोन ए टाइम, देयर वॉज ए अशोक गहलोत (एक समय था जब अशोक गहलोत थे)। मुख्यमंत्री मेरे बेटे के जन्मदिन पर मेरे घर गए थे, तब 50–60 हजार लोगों के बीच बोल कर आए थे कि गुढ़ा नहीं होता, तो मैं मुख्यमंत्री नहीं होता, अचानक गुढ़ा में क्या खराबी हो गई? मैं रंधावा से पूछना चाहता हूं कि बहन-बेटियों की सुरक्षा की बात करके क्या गलत किया? किस बात की माफी मांगू मैं? गुढ़ा ने कहा कि मेरे खिलाफ रोजाना नए मुकदमे हो रहे हैं। एक मुकदमा आज हो रहा है, एक मुकदमा दो दिन बाद हो रहा है। जिस तरह से मेरे खिलाफ यह केस कर रहे हैं, मैं भी रणनीति के तहत स्टेप बाय स्टेप डायरी के पन्ने जारी करूंगा। उल्लेखनीय है कि गुढ़ा ने मंत्री पद से बर्खास्त होने के बाद सदन में लाल डायरी लहराकर हलचल मचा दी थी। 24 जुलाई को गुढ़ा लाल डायरी लेकर स्पीकर के सामने चले गए थे। संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल की टेबल पर जाकर उनका माइक नीचे कर दिया था। इस दौरान कांग्रेस विधायकों से उनकी धक्का मुक्की हुई थी।

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