जयपुर। श्रावण शुक्ल पूर्णिमा पर तीस अगस्त को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाएगा। इस बार रक्षाबंधन पर दिनभर भद्रा का साया रहेगा तो ऐसे में रात को ही राखी बांधने का मुहूर्त रहेगा। इस बार सिर्फ तीन घंटे छब्बीस मिनट ही राखी बांधने के लिए मिलेंगे। रात नौ बजकर दो मिनट से मध्यरात्रि बारह बजकर अट्ठाइस मिनट तक राखी बांधी जा सकेगी। श्रावण पूर्णिमा 30 अगस्त को सुबह दस बजकर उनसठ मिनट बजे शुरू होगी, जो 31 अगस्त को सुबह सात बजकर छह मिनट तक रहेगी। इस बार रक्षाबंधन के दिन 30 अगस्त को पूर्णिमा के साथ ही सुबह दस बजकर उनसठ मिनट बजे भद्रा शुरू हो जाएगी, जो रात नौ बजकर दो बजे तक रहेगी। ज्योतिषाचार्य पंडित श्री कृष्ण चंद्र शर्मा ने बताया कि रक्षाबंधन का पर्व अपराह्न व्यापिनी व प्रदोष व्यापिनी भद्रा रहित पूर्णिमा में मनाने का विधान है। तीस अगस्त को पूर्णिमा तिथि सुबह दस बजकर उनसठ मिनट पर शुरू होगी,लेकिन इसके साथ ही भद्रा शुरू हो जाएगी। भद्रा रात नौ बजकर दो मिनट तक रहेगी। भद्रा रहित अपराह्न व्यापिनी त्रि मुहूर्ती पूर्णिमा में रक्षाबंधन मनाने का विधान है। 31 अगस्त को पूर्णिमा तीन मुहूर्त से कम होने के कारण रक्षाबंधन त्योहार 30 अगस्त को मनाया जाएगा। शर्मा ने बताया कि भद्रा में राखी नहीं बांधी जा सकती है। इस बार 30 अगस्त को रात नौ बजकर दो मिनट तक भद्रा रहेगी। ऐसे से व्यावहारिक दृष्टि से देखे तो रात को राखी बांधना संभव नहीं हो तो दूसरे दिन 31 अगस्त को भी पूर्णिमा होने से श्रवण पूजन कर राखी बांधी जा सकती है।

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