नई दिल्ली। नोटबंदी के मुद्दे को लेकर समूचा विपक्ष सरकार के खिलाफ लामबंद दिख रहा है। संसद से लेकर सड़क तक विपक्ष का तेवर आक्रामक दिख रहा है। गुरुवार को शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन की शुरुआत भी हंगामेदार रही। विपक्षी सदस्य सदन का कार्य स्थगित करके तत्काल चर्चा कराने की मांग कर रहे थे। सरकार ने कहा कि यह कदम कालाधन, भ्रष्टाचार और जाली नोट के खिलाफ उठाया गया है और वह नियम 193 के तहत चर्चा कराने को तैयार है, हालांकि विपक्षी दल कार्य स्थगित करके चर्चा कराने की मांग पर अड़े रहे। इस विषय पर अपनी मांग के समर्थन में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वाम दल, अन्नाद्रमुक के सदस्य अध्यक्ष के आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। हंगामे के चलते राज्यसभा 11:30 तक स्थगित कर दी गई. संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा देश की जनता मोदी जी के साथ है और हम नियम 193 के तहत संसद में चर्चा को तैयार हैं. 11.30 बजे जब दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो फिर हंगामे के चलते इसे 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। 12 फिर जब सदन की कार्यवाही स्थगित हुई तो विपक्ष ने चर्चा कराने की मांग के साथ हंगामा शुरू कर दिया। इसके बाद सभापति ने 2 बजे तक के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी। लोकसभा में भी विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडग़े ने कहा कि हमने नियम 56 के तहत कार्यस्थगन का नोटिस दिया है। सभी दल चाहते हैं कि इस पर कार्य स्थगित करके चर्चा करायी जाए। विपक्षी सदस्यों के हंगामे के चलते लोकसभा की कार्यवाही 12:30 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। 12.30 पर जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो जोरदार हंगामे को देखते हुए कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।

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