-जनप्रहरी एक्सप्रेस
जयपुर. राजस्थान में टाटा पावर कंपनी अगले 5 सालों में 25 हजार करोड़ रुपए का इन्वेस्टमेंट करेगी। इसके तहत 10 हजार मेगावाट के रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स, 1000 मेगावाट के रूफ टॉप सोलर और 1 लाख 50 हजार सोलर पम्प लगाए जाएंगे। टाटा पावर सोलर ने राजस्थान में 4500 लोगों को वर्तमान में रोजगार दे रखा है। एक्सपेंशन के साथ अगले 5 सालों में करीब 8000 लोगों को और रोजगार मिलेगा। टाटा पावर कंपनी फिलहाल राजस्थान के 40 शहरों में रूफ टॉप सोलर क्षेत्र में काम कर रही है। जिसे पूरे प्रदेश में शहरों और गांव-ढाणियों तक ले जाने की प्लानिंग है। पश्चिमी राजस्थान में सोलर एनर्जी का 1 लाख मेगावाट का पोटेंशियल है। राजस्थान में सोलर क्षेत्र में देश में सबसे ज्यादा एनर्जी जनरेशन का पोटेंशियल है। इसके अलावा विंड एनर्जी का भी यहां अच्छा मौका है। हमारा प्लान अगले 5 सालों में 25 से 30 हजार करोड़ रुपए के इन्वेस्टमेंट का है। जो 40 से 50 हजार करोड़ रुपए तक भी पहुंच सकता है। हम राजस्थान में पहले ही 10 हजार करोड़ रुपए का इन्वेस्टमेंट कर चुके हैं। 15 हजार करोड़ रुपए के निवेश का और प्लान है। आज हम 5000 मेगावाट सोलर और रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स लगा रहे हैं। अगले 5 साल में 10 हजार मेगावाट के सोलर और विंड एनर्जी प्रोजेक्ट राजस्थान में लगाने की योजना है। करीब 40 से 50 हजार करोड़ रुपए तक का इन्वेस्टमेंट राजस्थान में हो सकता है। जहां जिस तरह की विंड स्पीड, सोलर लेवल होगा, वहां उसी तरह का पावर प्रोजेक्ट लगाएंगे। जैसलमेर, बाड़मेर समेत पश्चिमी राजस्थान में कई जगह इस तरह के पावर प्रोजेक्ट्स लगे हैं।
कंपनी से डिस्कॉम बिजली खरीदते हैं। कितना सोलर, विंड एनर्जी चाहिए उस आधार पर डिमांड आती है। बिडिंग के आधार पर टाईअप किया जाता है। उद्योगपतियों के लिहाज से राजस्थान में बहुत अच्छा मौका है। सूर्य देवता और वरुण देवता की कृपा है। यहां के लोग और वर्कर बहुत अच्छे हैं। बहुत जल्दी काम सीख जाते हैं। राजस्थान बहुत अच्छा स्टेट है जहां हम बड़ा इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं। राजस्थान को ग्रीन पावर हाउस के रूप में डवलप करने पर तेजी से काम हो रहा है। प्रदेश में कंपनी ने 2000 मेगावाट कैपेसिटी का प्लांट लगाया हुआ है। जिसमें 8 से 10 हजार करोड़ रुपए का इन्वेस्टमेंट है। इसके साथ 3000 करोड़ रुपए कंस्ट्रक्शन की अलग-अलग स्टेज में लगाया जा रहा है। इसमें कुल 12 से 15 हजार करोड़ का निवेश होगा। अभी हम करीब 5000 मेगावाट के प्लांट और प्रोजेक्ट लगा रहे हैं। 4939 मेगावाट में से 2066 मेगावाट के प्रोजेक्ट लगाए जा चुके हैं। 2873 मेगावाट कैपिसिटी के सोलर प्रोजेक्ट्स का काम अगले एक से दो साल में पूरा हो जाएगा। इसे अगले 5 सालों में 5000 मेगावाट से बढ़ाकर 10 हजार मेगावाट तक पहुंचाने की प्लानिंग है। सिन्हा ने बताया कि राजस्थान में टाटा पावर अजमेर डिस्ट्रिब्यूशन लिमिटेड पिछले 5 साल से काम कर रही है। अजमेर में बिजली छीजत और लॉसेस को 22 प्रतिशत से घटाकर कंपनी 9 प्रतिशत पर ला चुकी है। राजस्थान सरकार के साथ मिलकर कंपनी पीपीपी मॉडल पर क्वालिटी पावर सप्लाई के लिए मौके देख रही है। मुख्य तौर पर रिन्यूएबल सेक्टर में ही निवेश हो रहा है। रूफ टॉप सोलर पर भी काफी काम किया जा रहा है। हम राजस्थान के 40 शहरों में रूफ टॉप सोलर क्षेत्र में काम कर रहे हैं। वहां पर बहुत अच्छी डिमांड इंडस्ट्री, कॉमर्शियल इस्टैबलिशमेंट और घरों में रिन्यूएबल रूफ टॉप सोलर की आ रही है। क्योंकि इससे उनकी बिजली की खपत यूटिलाइज हो जाती है। यह कन्वेंशनल बिजली (थर्मल पावर) के मुकाबले बहुत सस्ती पड़ती है। करीब 2.15 से 2.50 रुपए तक इसकी रेट पड़ती है।

LEAVE A REPLY