कोटा.मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने अपने सम्बोधन में जैविक खेती को अपनाने का आह्वान करते हुए कहा कि जैविक ढंग से उगाए गई फसलें बेहतर दाम पर बिकती है और सेहत के लिए भी अच्छी होती है इसलिए किसान अपने खेतों में एक हिस्सा जैविक खेती के लिए विकसित करें। उन्होंने कहा कि जिस तरह डूंगरपुर जिले को पूर्ण रूप से जैविक खेती के लिए विकसित किया जा रहा है। उसी तर्ज पर कोटा संभाग के जिले भी जैविक खेती को बढ़ावा दें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जैविक कृषि के लिए 1150 क्लस्टर तैयार किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने बुधवार को कोटा स्थित आरएसी ग्राउण्ड में ग्राम-2017 का शुभारंभ किया। राजे ने कहा कि कोई किसान अपनी जमीन पर कृषि प्रसंस्करण इकाई लगाना चाहता है तो उसे 40 लाख रुपये तक के निवेश पर 20 लाख रुपये तक का अनुदान प्रदान किया जायेगा। उन्होंने कहा कि किसानों की जमीन की सेहत सुधारना, उन्हें अच्छी खाद-बीज उपलब्ध कराना ही काफी नहीं है। किसानों को कृषि प्रसंस्करण और एग्रो इण्डस्ट्री से जोड़ना भी जरूरी है, ताकि वे बाजार की मांग के अनुरूप पैदावार लेकर अपनी आय बढ़ा सकें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस वर्ष 15 हजार करोड़ रुपये का फसली ऋण देकर करीब 25 लाख किसानों को लाभान्वित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सहकारी बैंकों के माध्यम से किसानों को 7.1 प्रतिशत की दर से फसली ऋण दिया जा रहा है। किसानों की सुविधा के लिए क्रोप इंश्योरेंस पोर्टल, क्रोप कटिंग एक्सपेरिमेंट एप एवं गिरदावरी एप शुरू किये गये हैं, ताकि किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लाभ एवं मुआवजे आसानी से मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में खेती के क्षेत्र में नित नवाचार हो रहे हैं। जैतून और खजूर की खेती के बाद अब क्विनोवा की खेती भी शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि कोटा संभाग में डेªगन फ्रूट, स्ट्राॅबेरी जैसी फसलों में भी पैदावार की अपार संभावनाएं हैं। कोटा संभाग के किसान प्रगतिशील एवं नवाचार सीखने को तत्पर हैं। ऐसे में वे ग्राम 2017 में जाजम बैठकों एवं सेमीनार में हिस्सा लेकर तथा स्मार्ट फार्म एवं प्रदर्शनी में नई कृषि पद्धतियों की जानकारी लेकर जरूर लाभांवित होंगे। राजे ने कहा कि हमने पिछले तीन साल में 45 लाख मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों को वितरित किये हैं और आगामी जुलाई तक 70 लाख कार्ड वितरित किये जायेंगे। जिस तरह मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के पहले चरण में अच्छा काम हुआ है उसी प्रकार इस बार भी हम सब इस अभियान को सफल बनाने के प्रयास करें। उन्होंने प्रदेशवासियों से शादी-विवाह, जन्मदिन एवं वर्षगांठ जैसे विशेष अवसरों को पांच-पांच पौधे लगाकर मनाने की अपील भी की। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोटा संभाग में 2 हजार 406 करोड़ रुपये लघु, मध्यम एवं सूक्ष्म सिंचाई परियोजनाओं के लिए दिये गये हैं।
-किसानों की आय देश के औसत से अधिक-कृषि मंत्री
कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार किसानों को सम्मान मिला है। आज राज्य में किसानों की आमदनी 88 हजार रुपए वार्षिक है जबकि देष का औसत 77 हजार रुपए ही है। विषम परिस्थितियों के बावजूद प्रदेष कई फसलों में देषभर में अग्रणी है। उन्होंने कहा कि नवाचार, प्रोसेसिंग, ग्रेडिंग, वेयर हाउसिंग और कृषि क्षेत्र को प्रोत्साहन के जरिए राज्य में निवेष की काफी संभावनाएं हैं। ग्राम आयोजन में सहभागी राष्ट्र मलेषिया के राजदूत हिदायत बिन अब्दुल हमीद ने कहा कि क्षेत्रफल में छोटा होने के बावजूद नवीन शोध के जरिए कृषि में तकनीकी के सफल प्रयोगों की बदौलत मलेषिया ने कृषि के क्षेत्र में बढत हासिल की है। अब मलेषिया इस तकनीकी ज्ञान को साझा कर राज्य में कृषि क्षेत्र में निवेष और यहां के कुषल नेतृत्व में किसानों की बेहतरी के लिए काम करने हेतु आषान्वित है।
प्रारम्भ में कृषि विभाग की प्रमुख शासन सचिव नीलकमल दरबारी ने प्रस्तुतिकरण के जरिए राज्य में तीन वर्ष में कृषि क्षेत्र की प्रगति और आगे किए जाने वाले प्रयासों की रूपरेखा प्रस्तुत की। चेयरमैन फिक्की स्टेट काउन्सलर अषोक कजारिया ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

LEAVE A REPLY