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दिल्ली। स्वराज इंडिया ने गोरखपुर के सरकारी अस्पताल में 30 बच्चों की मृत्यु पर शोक जताया है। यह दुर्घटना इस कारण से हुई क्योंकि ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी ने सप्लाई रोक दी। वह इसलिए क्योंकि कंपनी को उसका बकाया नहीं चुकाया गया था। कुछ ऐसे भी आंकड़े सामने आये हैं कि सरकार द्वारा संचालित बाबा राघव दास अस्पताल में 7 अगस्त से 11 अगस्त – 5 दिनों के भीतर  कम से कम 60 बच्चों की मौत हुई।
स्वराज इंडिया ने मेडिकल सुविधाओं की इस ग़ैर ज़िम्मेदाराना लापरवाही पर आपत्ति जताई। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, योगी आदित्यनाथ, स्वयं को गोरखपुर का संरक्षक बताते रहे हैं, जहां दिमाग़ी बुख़ार से साल दर साल बच्चे मरते हैं। बहरहाल, 24 घंटे में 30 बच्चों की मौत किसी रोग के कारण नहीं, बल्कि इसलिए हुई क्योंकि अस्पताल बच्चों को ऑक्सीजन ही नहीं दे पाया। चौंकाने वाली बात ये है कि दो ही दिन पहले योगी आदित्यनाथ इस अस्पताल के दौरे पर गए थे जहाँ वो बच्चों के वार्ड में भी गए थे।
घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए स्वराज इंडिया के राष्ट्रिय अध्यक्ष, योगेंद्र यादव ने पूछा, “समझ में नहीं आता कि मुख्यमंत्री का यह दौरा किस काम का था अगर वो यह भी नहीं जान पाए कि बच्चों के वार्ड में न्यूनतम सुविधाएं भी नहीं हैं?” चिंताजनक बात यह है कि न तो मुख्यमंत्री और न ही उनके मंत्री इस त्रासदी की ज़िम्मेदारी ले रहे हैं। पूरे प्रकरण को अफसर स्तर की भूल तक बताया जा रहा है। आम तौर पर हर मामले में नैतिकता की बात करने वाली भाजपा का मुखौटा पूरी तरह से उतरता नज़र आ रहा है।
स्वराज इंडिया इस त्रासदी के स्वतंत्र जांच की मांग करती है। इसे कोई महामारी नहीं बल्कि एक जनहत्या मानी जाए। गोरखपुर के प्रतिनिधि होने के नाते भी, योगी आदित्यनाथ कम से कम अपने वोटरों से माफ़ी मांगें कि वे हमारे बच्चों को सुरक्षा नहीं दे पाए।

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