शिमला। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में शनिवार देर रात हुए भूस्खलन के चलते सात लोगों की मौत हो गई, जबकि दो दर्जन से ज्यादा लोग लापता हो गए, साथ ही घर, दो बसें और कुछ वाहन जमींदोज हो गए। अधिकारियों ने बताया कि भूस्खलन जोगिंदरनगर तहसील में कोटरोपी गांव के पास मंडी-पठानकोट राजमार्ग पर शनिवार देर रात करीब 12.20 बजे हुआ, जिसमें हिमाचल सड़क परिवहन निगम की दो बसें, कुछ निजी वाहन और कई घर जमींदोज हो गए। स्थानीय अधिकारियों, भारतीय सेना और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल द्वारा जांच और बचाव अभियान जारी है। अब तक पांच लोगों को बचाया जा चुका है और उन्हें मंडी के स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटनास्थल राज्य की राजधानी से करीब 220 किलोमीटर दूर है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, जब भूस्खलन हुआ, उस समय दोनों बसें राजमार्ग पर स्थित एक कियोस्क पर रुकी हुई थीं। सड़क का 150 मीटर से ज्यादा हिस्सा कीचड़ में धंस गया। एक बस चंबा से मनाली जा रहा थी, जबकि दूसरी मनाली से कटरा जा रही थी।

चंबा से मनाली जा रही बस में ज्यादा संख्या में लोग सवार थे, जिसे अभी कीचड़ और पत्थरों के बीच से नहीं निकाला गया है। कटरा जा रही क्षतिग्रस्त बस के अवशेष बरामद कर लिए गए। बस में सवार आठ लोगों में से तीन की मौत हो गई है। अधिकारियों ने बताया कि मनाली जा रहे 21 यात्रियों ने अपने टिकट आॅनलाइन बुक कराए थे। उनका मानना है कि दुर्घटना के समय बस में 35-50 यात्री सवार थे। बचाव कर्मियों को मनाली जा रही बस के अवशेष बरामद करने में दिक्कत का सामना करना पड़ा क्योंकि यह सड़क से 800 मीटर नीचे लुढ़क गई थी। एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, लापता लोगों की सही संख्या का आकलन करना अभी बाकी है। अनुमान के मुताबिक, 25-30 लोग लापता है। राज्य के राजस्व मंत्री कौल सिंह ने मृतकों के परिजनों को चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और विपक्ष के नेता प्रेम कुमार धूमल फौरन घटनास्थल पर पहुंचे।

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