अजमेर. जयपुर समेत 3 जिलों की प्यास बुझाने वाला बीसलपुर बांध लबालब है। इतना पानी आ गया कि 3 साल बाद बांध के गेट खोलने पड़े। शुक्रवार को ठीक सुबह 8 बजे सायरन के साथ बांध के गेट खोले गए। सुबह 6 बजे बीसलपुर बांध सायरन की आवाज सुनाई दी। वहां मौजूद लोगों ने बताया अलर्ट करने के लिए हर घंटे सायरन बजाया। इस बीच टोंक की कलेक्टर चिन्मय गोपाल भी पहुंचीं।
उन्होंने अधिकारियों से बांध खुलने का पूरे प्रोसेस के बारे में पूछा। सुपरिटेंडेंट इंजीनियर वीरेन्द्र सिंह सागर, एक्सईएन मनीष बंसल, एईएन अर्पित चौधरी सहित अन्य अधिकारी ने उन्हें जानकारी दी। इसके बाद कलेक्टर ने गेट खोलने की परमिशन दी। गेट खोलने से पहले करीब 7 बजे फिर लोगों को अलर्ट करने के लिए सायरन बजाया गया। इसके बाद 7.30 बजे सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डाटा एक्बीजेशन सिस्टम रूम में पूजा अर्चना की गई। इसके बाद सुपरिटेंडेंट इंजीनियर वीरेन्द्रसिंह सागर सीट पर बैठे और कंप्यूटर के जरिए बांध के दो गेट खोलने की कमांड दी गई। कंप्यूटर कमांड से गेट संख्या 9 व 10 को आधा मीटर खोले गए। गेट खुलने के साथ ही प्रति घंटे 6000 क्यूसेक फीट पानी की निकासी शुरू हो गई। जिस समय बांध के गेट खोले गए स्काडा सिस्टम पर बांध की क्षमता 315.50 दिख रही थी। वहीं गेज 315.51 आरएल मीटर पहुंच चुका था। जितना पानी जरूरत से ज्यादा था, उतना ही छोड़ा गया। शुरुआत में दो गेट आधे मीटर खोले गए हैं। अगर जरूरत पडे़गी तो इसको कम व ज्यादा भी किया जा सकता है। बीसलपुर बांध में 18 गेट हैं, जिनकी साइज 15 गुणा 14 मीटर है। एक गेट को एक मीटर खोलने पर एक घंटे में 2 से ढाई हजार क्यूबिक फीट पानी की निकासी होती है। एक गेट 14 मीटर तक खोला जा सकता है।

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