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जयपुर। राजस्थान उच्च न्यायालय ने धर्म परिवर्तन के मामले में शुक्रवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया। न्यायालय की जोधपुर पीठ में न्यायाधीश गोपाल कृष्ण व्यास ने एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से कहा कि वह इस संबंध में जल्दी ही कानून बनाए। जब तक कानून नहीं बन जाता तब तक के लिए उच्च न्यायालय ने गाइडलाइन जारी की है, इसके तहत धर्म परिवर्तन के इच्छुक व्यक्ति को पहले जिला कलक्टर को इस बाबत सूचना देनी होगी और इसके बाद आगे की प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
राजस्थान में धर्म परिवर्तन का मामला लंबे अरसे से चर्चा में रहा है। आदिवासी इलाकों से बडेÞ पैमाने पर अक्सर इस तरह की खबरें आती रही हैं।  कई धार्मिक संगठनों पर पैसे देकर धर्म परिवर्तन के आरोप लगते रहे हैं, इनसे निजात दिलाने के लिए पूूर्व धर्म स्वतंत्रता विधेयक लाया गया था, जो कि अभी भी केंद्र के पास लंबित है।

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