Suresh Prabhu said: On the issue of the ban on the people of the country with us

जयपुर । केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने नोट बंदी को साफ सुथरी अर्थव्यवस्था की ओर एक मजबूतऔर दूरगामी कदम बताते हुए कहा कि इस मुद्दे पर देश की जनता सरकार के साथ है। उन्होंने कहा कि सरकार अपने तमाम प्रयासों से नयाभारत बनाने के काम में लगी है।नोटबंदी को एक साल पूरा होने पर भारतीय जनता पार्टी की ओर से मनाये जा रहे ह्यकालाधन विरोध दिवस के मौके पर प्रभु आज यहां पार्टीके प्रदेश मुख्यालय में संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। उन्होने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नोटबंदी के निर्णय को ऐतिहासिक फैसलाबताते हुए कहा कि आम लोगों को इसका फायदा मिला है।आतंकवाद, नस्लवाद पर अकुंश लगा है, आम लोगों को सस्ता रिण, सस्ते मकान मिलने लगे है। आने वाले समय में रिण, मकान औरसस्ते होंगे। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री का पदभार ग्रहण करने के तुरंत बाद कालेधन पर अंकुश लगाने और भ्रष्टाचार कोसमाप्त करने के लिए काम शुरू किया, नतीजे सबके सामने हैं।केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि नोटबंदी के निर्णय से आने वाले समय में आर्थिक ढाचे में मजबूती आयेगी जिसका फायदा आम लोगों, किसानों,महिलाओं को मिलेगा।

कालाधन जमा करने वालों की कमर टूटेगी। उन्होने एक प्रश्न के जवाब में कहा कि नोटबंदी के दौरान जमा हुआ धनकी जांच आयकर विभाग और अन्य एजेंसिंया कर रही है अभी से यह मान लेना की बैंकों में जमा धन काला धन नहीं है, कहना उचित नहींहै।उन्होंने कहा कि नोटबंदी के दौरान जमा हुए 3.68 लाख करोड़ रुपए की संदिग्ध् जमा और तेइस लाख संदिग्ध खातों की जाचं की जा रही है।केन्द्रीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री ने कहा कि नोटबंदी के कारण आतंकवाद और नस्लवाद पर काफी हद तक रोक लगी है, कश्मीर मेंपत्थरबाजी की घटनाओं में कमी आयी है और पिछले वर्ष के मुकाबले एक चौथाई रह गयी है। वहीं दूसरी और वामंपथी उग्रवाद की घटनाओंमें बीस प्रतिशत से अधिक की कमी आयी है ।प्रभु ने एक प्रश्न के जवाब में कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जारी कार्यवाही के तहत 1626 करोड रुपए की बेनामी सम्पति जब्त की गयी है,सिलसिला रूका नहीं ?है, यह सिलसिला जारी है आने वाले समय में इस अभियान में ओर तेजी आयेगी।प्रभु नोटबंदी के बाद जमा हुए कुल धन, काले धन, जाली मुद्रा, रोजगार को लेकर पुछ गये अधिकांश प्रश्नों का जवाब देना टालते हुए कहाकि अभी केवल नोटबंदी के मुददे पर ही प्रश्न करें। जब उनसे बार बार बार रोजगार के बारे में प्रश्न किये गये तो पलट कर उन्होने पत्रकारों से पूछा कि बताओं नागालैंड में कितनी बारिश हुई।

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