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जयपुर। सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा को बिना किसी कारण हटाए जाने के मामले को लेकर दायर याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने सीवीसी को आदेश दिए है कि वे दो सप्ताह में सीबीआई डायरेक्टरों पर आरोप और विवाद की जांच पूरी करें। देश हित में इस मामले को ज्यादा लंबा नहीं खींच सकते हैं। केन्द्र सरकार ने मामले की जांच के लिए समय बढ़ाने की मांग की थी।

सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में यह प्रकरण रहेगा। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि वे इस मामले को देखेंगे। सीवीसी दो वीक में जांच पूरी कर ले। यह जांच सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज ए.के.पटनायक की निगरानी में होगी। राफेल विवाद में छुट्टी पर भेजे गए सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश दिए हैं। साथ ही वर्मा की याचिका पर केन्द्र सरकार से जवाब मांगा है कि किस आधार पर आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजा गया। बारह नवम्बर को अगली तारीख है, जिस पर यह तय किया जाएगा कि यह प्रथम दृष्टया मामला बनता है या नहीं?। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि अंतरिम डायरेक्टर सिर्फ सीबीआई के रुटीन कामकाज देखेंगे। वे कोई नीतिगत फैसला नहीं कर सकते हैं। 23 अक्टूबर से अब तक राव ने जितने फैसले लिए हैं, उन्हें बंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को सौंपने को कहा है। गौरतलब है कि मामले की सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल और सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस मामले में तीन सप्ताह का समय मांगा था।

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