Why not give reservation to ADAJ recruitment in 2016: High Court

जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट हाईकोर्ट ने धौलपुर से एक साल पहले अपह्त हुई 15 साल की नाबालिग लडक़ी की बरामदगी नहीं होने पर नाराजगी जताई है। अदालत ने कहा है कि एक साल में पीडि़ता को बरामद नहीं करने को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। इसके साथ ही अदालत ने 9 अगस्त तक पीडिता को पेश करने को कहा है। ऐसा नहीं करने पर अदालत ने भरतपुर रैंज आईजी को पेश होकर अपना स्पष्टीकरण देने के आदेश दिए हैं।

न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश गौवर्धन बाढ़दार की खंडपीठ ने यह आदेश जगवीरसिंह की ओर से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए। सुनवाई के दौरान जांच अधिकारी आरपीएस सतीश कुमार अदालत में पेश हुए। उन्होंने अदालत को मामले में की जा रही जांच से अवगत कराया। हालांकि जांच अधिकारी अपने जवाब से अदालत को संतुष्ठ नहीं कर सके। वहीं याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि उसकी पन्द्रह साल की बेटी का गत वर्ष जून माह में अपहरण हो गया था। घटना को लेकर याचिकाकर्ता ने महिला थाना, धौलपुर में 18 जून को दस लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट भी दर्ज करा दी। इसके बावजूद पुलिस पीडिता को बरामद करने का कोई प्रयास नहीं कर रही है। जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने 9 अगस्त तक पीडिता के बरामद नहीं होने पर आईजी भरतपुर रैंज को पेश होने के आदेश दिए हैं।

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