labour law

जयपुर. अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ द्वारा राज्य सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों एवं 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों सहित 15 सूत्रीय मांग पत्र के न्यायोचित मांगो के निराकरण हेतु चलाये जा रहे आंदोलन को गति प्रदान करने के लिए 03 मई को सम्पूर्ण प्रदेश में बोर्ड, निगम, स्वायत्तशाषी संस्थाऐं, पंचायतीराज एवं सहकारी संस्थाओं में कार्यरत कर्मचारी एक दिवसीय कार्य बहिष्कार करते हुए काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शित करेंगे।
महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष आयुदान सिंह कविया ने बताया कि प्रदेश में महासंघ से जुडे समस्त कर्मचारी कार्य बहिष्कार कर विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से सरकारी नीतियों को सार्वजनिक करेंगे। राज्य सरकार कर्मचारियों के प्रतीकूल फैसले लेती जा रही है जिससे कर्मचारियों में भारी आक्रोश है एवं कर्मचारी सरकार से दो-दो हाथ करने के लिए तैयार है। राज्य सरकार ने माननीय न्यायालयों द्वारा कर्मचारी हित में दिये गये निर्णयों की पालना नहीं कर अपनी मंशा स्पष्ट कर दी है कि सरकार कर्मचारी वर्ग से दुर्भावना रखती है। महासंघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष के.के. गुप्ता एवं प्रदेश महामंत्री तेजसिंह राठौड ने संयुक्त रूप से बताया कि सरकार समय रहते कर्मचारियों की वाजिब मांगो पर निर्णय ले एवं न्यायालयों द्वारा कर्मचारी हित में पारित निर्णयों के बारे में स्थिति स्पष्ट करें। न्यायालयों द्वारा परिवीक्षाकाल में पूर्ण वेतन, संविदा, ठेका कर्मियों एवं आंगनबाडी कार्यकर्ताओं कों को नियममित करना एवं सुराज संकल्प यात्रा में माननीया मुख्यमंत्री द्वारा किये गये वायदों को लागू नहीं किया गया तो प्रदेश का कर्मचारी आम हडताल तक की तैयारी कर चुका है। सरकार कर्मचारियों के आंदोलन को हल्के में नही लेवंे अन्यथा गंभीर परिणाम होंगे।

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