जयपुर। आतंकवादी संगठन आईएसआईएस का सक्रिय सदस्य रह कर उसके लिए काम करने के मामले में 10 दिसम्बर, 2015 को गिरफ्तार किये गये सिराजुद्दीन निवासी गुलबर्गा-कर्नाटक पर एनआईए मामलों की विशेष अदालत में जज दिनेश गुप्ता ने विधि विरूद्ध क्रिया कलाप निवारण अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में आरोप सुनाये। आरोपी सिराजुद्दीन ने स्वयं को बेकसूर बताते हुए मामले में ट्रायल चाही। बाद में कोर्ट ने एक जून से एनआईए के वकील टी. पी. शर्मा को गवाहों के बयान दर्ज कराने को कहा है। एटीएस राजस्थान ने आईओसी में तत्कालीन मार्केटिंग मैनेजर के पद पर काम करने वाले आरोपी सिराजुद्दीन को 1० दिसंबर, 2०15 को गिरफ्तार किया था। बाद जांच 4 जून, 2०16 को उसके खिलाफ चालान पेश किया गया और फरार अन्य आरोपियों के खिलाफ जांच लम्बित रखी हुई है। चालान में कहा गया कि सिराजुद्दीन फेसबुक, वॉटसएप्प और टेलीग्राम सहित अन्य हाईटेक माध्यमों से युवाओं को आईएसआईएस में शामिल करने के लिए उकसाता था। वह भारत को विलायते हिन्द मान कर देश में आईएसआईएस का ठिकाना बनाना चाहता था। टेलीग्राम व गजवा-ए-तुल हिंद चैनल पर उसने कश्मीर के आंतकियों को शहीद बताया था। उसके कब्जे से आतंकी रहे ओसामा बिन लादेन, मौलाना अनवर अवलाकी, मौलाना आसिम उमर आदि के भाषण और पुस्तके भी बरामद की थी। साथ ही वह कश्मीर को इस्लामिक स्टेट बताकर भारत को अवैध कब्जाधारी बताता था। देश में आईएसआईएस का नेटवर्क तैयार होने के बाद वह लीबिया जाने वाला था। जांच में उसके आतंकवादी संगठन के 13 व्यक्तियों से सम्पर्क होने की भी जानकारी मिली थी।

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