-राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के शिक्षा वर्ग के समापन समारोह में बोले इन्द्रेश कुमार,  गौ हत्यारे, गौ-तस्कर व गौ मांस खाने वाले, विष्वविद्यालयों में देषविरोधी नारे लगाने वाले, नारियों का अपमान व उन पर अत्याचार करने वाले लोगों के कोई मानव अधिकार नहीं हैं।

जयपुर। जयपुर के राजापार्क स्थित आदर्ष विद्या मन्दिर में चल रहे संघ षिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष के समापन अवसर पर मुख्य वक्ता आरएसएस के केन्द्रीय कार्यकारिणी के सदस्य इन्द्रेश कुमार ने कहा कि सेना पर पथराव करने वाले, गौ हत्यारे, गौ-तस्कर व गौ मांस खाने वाले, विष्वविद्यालयों में देषविरोधी नारे लगाने वाले, नारियों का अपमान व उन पर अत्याचार करने वाले लोगों के कोई मानव अधिकार नहीं हैं। तथाकथित प्रगतिषील राष्ट्रविरोधी लोग जो भेदभाव बढ़ाकर भड़काने व लड़वाने का कार्य कर भारत में अषान्ति व हिंसा फैलाना चाहते हैं, उनका पर्दाफाष होना चाहिये। यह वे लोग हैं जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की बात तो करते हैं लेकिन मानते हंै कि यह स्वतंत्रता एकतरफा ही होनी चाहिए। इसीलिए वेे वैचारिक मतभिन्नता रखने वाले 273 कार्यकर्ताओं की केरल में हत्या करवाते हैं। यानी जो इनके विचारों से सहमत नहीं है उनके जीने का अधिकार भी समाप्त कर देते हैं। ऐसे लोग मानव व मानवता के दुष्मन हैं। इस साल देष भर में 75 संघ षिक्षा वर्गों में लगभग 30 हजार षिक्षार्थियों ने षिक्षण प्राप्त किया है। आज संघ का कार्य दैनिक षाखा से लगाकर कार्यक्रम के स्वरूप तक भारत में करीबन 75 हजार स्थानों पर चल रहा है। विष्व के अन्य 80 देषों में भी संघ का काम है।
ऐसे ही महिलाओं में राष्ट्र सेविका समिति के माध्यम से इस वर्ष 40 स्थानोें पर 4 हजार सेविकायें षिक्षण प्राप्त कर रही हंै। सेविका समिति की भारत के बाहर भी 15 देषों में षाखाएं हंै। देष मंे 25 हजार विद्यालय और 60 हजार एकल विद्यालयों में 2 लाख अध्यापकों के द्वारा 25 लाख विद्यार्थी षिक्षा प्राप्त कर रहे हंैै। इन विद्यालयों में षासन द्वारा स्वीकृत विषयों के अलावा वैदिक गणित, योग, नैतिक षिक्षा , संस्कृत व आध्यात्मिक विषयों की षिक्षा भी दी जाती है। देष भर में 1.5 लाख सेवा कार्य स्वयंसेवक व समाज बन्धुओं के सहयोग से संचालित किये जा रहे हैं।
– रोजे बीफ से नहीं गौ मिल्क से खोले जायें
इन्द्रेश कुमार ने कहा कि भारत और विष्व में 90 प्रतिषत जनसंख्या गाय के दूध पर आश्रित है। राजस्थान उच्च न्यायालय ने इस विषय में सकारात्मक पहल कर अभिनन्दनीय प्रयास किया हैै। इस्लाम के अंतिम रसूल ने गोस्त को बीमारी एवं गौ दुग्ध को औषधि बताया हैै। देष में इस बात का स्वागत है कि अब रोजे बीफ से नहीं गौ मिल्क से खोले जायें। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों बहरोड़ में पकड़े गये गौ तस्करों को गौ पालक बताकर समाज में भ्रम फैलाने का प्रयास किया जा रहा है।
चीन की भारत के आन्तरिक मामलों में बढती दखलंदाजी एवं विष्व में बढ़ती असहिष्णुता मानवता के लिए खतरा हैै। दलाई लामा का विरोध करना, अपने रिकोर्ड में भारत के कई गांवों का नाम बदलना, पाकिस्तान व आतंक को न केवल समर्थन बल्कि आश्रय देना आदि इसका प्रमाण है। जबकि मानवाधिकारों एवं लोकतंत्र का सबसे ज्यादा हनन चीन मंे ही होता हैै। संयुक्त राष्ट्र संघ भी इस बात की पुष्टि करता है। हमंे चीन का विरोध अहिंसक मार्ग से करना है यानी अपना उत्सव चीनी माल से रहित मनाकर चीन की आर्थिक नाकेबन्दी करने का संकल्प करें।
पाकिस्तान को समझना चाहिए जैसे 1971 में उसके टुकडे़ हुए थे वैसे ही अभी भी वह 6 टुकड़े होने की कगार पर खड़ा हैै। भारत में दखल देने के बजाय वो अपने घर में ही ध्यान दे। पाकिस्तान में पढ़े लिखे युवा वहां के षासन का विरोध कर रहे हंै। पाकिस्तान का वजूद खतरे मंे है, वो अपने ही कारनामों से बिखर जायेगा।
आज देष में अलग अलग प्रकार से अस्पृष्यता के मुद्दे उठाकर समाज को तोड़ने वाली षक्तियां सक्रिय हैं। दूसरी तरफ संघ सबको जोड़ने का आन्दोलन है, जो देष मंे एकता, अखण्डता, स्नेह व समरसता की धारा प्रवाहित करने में लगा हुआ है। संघ अस्पृष्यता को पाप, अपराध व अधर्म मानता है व इसके पूर्ण निर्मूलन में लगा हुआ है। उदाहरण के लिये संघ ने राजस्थान के कई स्थानों पर सेवा भारती के मंच से 1400 से अधिक जोडों का सर्वजातीय विवाह सम्मेलनों के माध्यम से विवाह सम्पन्न करवाने का अनूठा कार्य किया है।
संघ यह चाहता है कि धर्म के नाम पर देष की अखण्डता को खतरा पहुंचाने वाले, धर्मान्तरण करने वाले समाप्त हों व सब लोग अपने अपने धर्म पर चलकर सब धर्मों का आदर करें। लव व लैण्ड ज़िहाद अनैतिक व अपराधिक कृत्य हैं।
इन श्रेष्ठ विचारों को षिक्षा वर्ग षिक्षित स्वयंसेवक गांव गांव, घर घर पहुंचायेंगे यह आह्वान करते हुये उन्होंने अपनी बात समाप्त की। ‘हीदा की मोरी‘ गुरूद्वारे के अध्यक्ष सरदार ठाकुरसिंह कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे।
कार्यक्रम का प्रारम्भ अतिथियों के स्वागत में भूप रचना के वंषी वादन के साथ ध्वजारोहण व संघ प्रार्थना ’पतत्वेष कायो नमस्ते नमस्ते’ से हुआ। षिक्षार्थियों ने षारीरिक के विभिन्न कार्यक्रमों की आकर्षक प्रस्तुतियों के साथ घोष वादन व षोभाचलन का मनमोहक दृष्य उपस्थित किया। इसके पष्चात् सहगीत ‘मन में है संकल्प सघन‘ के साथ वर्ग कार्यवाह श्री रमेष ने वर्ग का प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए मंचस्थ अतिथियों का परिचय करवाया, इस अवसर पर सेवा प्रमुख रामकृष्ण ने अतिथियों से आम का पौधा रोपण करवाया, सभी का आभार वर्गाधिकारी सूर्यनारायण ने माना।

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