Regarding reservation of other backward classes, Rajasthan government's refusal to ban the Supreme Court

नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने अन्य पिछडे वर्गो के लिये आरक्षण संबंधी राजस्थान सरकार के विधेयक पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है परंतु साथ ही उसने कहा है कि प्राधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उसके किसी भी निर्णय से कुल 50 फीसदी की सीमा से आगे आरक्षण नहीं हो।प्रधान न्यायाधीश् दीपक मिश्रा,न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने राजस्थान उच्च न्यायालय का नौ नवंबर का आदेश निरस्त कर दिया। इस आदेश के तहत ही उच्च न्यायालय ने अन्य पिछडे वर्ग आरक्षण विधेयक, 2017 पर रोक लगा दी थी। पीठ ने कहा, हमारी सुविचारित राय है कि उच्च न्यायालय द्वारा विधायी प्रक्रिया पर रोक लगाना पूरी तरह अनावश्यक है, इसलिए इस आदेश के एक हिस्से पर रोक लगायी जाती है। हालांकि, पीठ ने राज्य सरकार को प्रशासनिक पक्ष से कोई कार्रवाई करने या किसी भी तरह से आरक्षण का लाभ देने, जिसकी वजह से कुल आरक्षण की 50 फीसदी सीमा का उल्लंघन हो, रोक दिया है। पीठ ने सोमवार को अपने आदेश में कहा, चूंकि हम इस मामले कोउच्च न्यायालय वापस भेजना चाहते हैं, इसलिए उक्त निर्देश याचिका का अंतिम रूप से निस्तारण होने तक प्रभावी रहेगा।

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