IAS Bibi Mohanty Rape Case

जयपुर। बैंक से लिये गये लोन के जमानतदार से बकाया लोन की वसूली करने को न्यायालय अपीलीय प्राधिकारी, अन्तर्गत उपादान भुगतान एक्ट 1972, राजस्थान, जयपुर ने उचित एवं विधि सम्मत मानते हुए अपीलार्थी दी सेन्ट्रल कॉ-आपरेटिव बैंक लिमिटेड की अपील स्वीकार कर नियंत्रक प्राधिकारी, उपादान भुगतान एक्ट 1972, भीलवाडा-राजस्थान के 3 जून, 2०15 को दिये गये निर्णय को खारिज कर दिया है। नियंत्रक प्राधिकारी ने अपने आदेश में बैंक की ओर से एक लोन में गारन्टर अपने पूर्व बैंकिंग सहायक अशोक कुमार नैनावटी से वसूली बकाया राशि को अवैध बताते हुए समायोजित की गई राशि प्रार्थी को लौटाने के आदेश दिए थे।

बैंक के एडवोकेट कुलदीप सिंह ने अपीलीय कोर्ट को बताया कि प्रदीप कोठारी के द्बारा बैंक से ऋण लिया गया था, जिसकी जमानत कर्मचारी नैनावटी के द्बारा दी गई थी। कोठारी के लोन नहीं चुकाने पर नैनावटी को 12 अक्टूबर, 2००7 को नोटिस दिया गया था। बाद में ऋण राशि 85,144 रुपए नैनावटी से वसूलने एवं वेतन से 43०० रुपए प्रतिमाह कटौती किये जाने के आदेश 31 जनवरी, 2००8 को पारित किये गये। बैंक ने फरवरी माह से मई, 2००8 तक उक्त कटौती भी की, लेकिन 1 जुलाई, 1973 को बैंक में नियुक्त हुए नैनावटी ने 31 जुलाई, 2००8 को त्यागपत्र दे दिया और शेष बचे 79,244 रुपए का भुगतान नहीं किया। आखिर बैंक ने नैनावटी को दी जाने वाली उपार्जित अवकाश एवं ग्रेच्युटी राशि में काटने का निर्णय ले लिया था, जिसे नियंत्रक प्राधिकारी ने रद्द कर दिया था।

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