Retail business

नयी दिल्ली : सरकार ने आम बजट से पहले आज विभिन्न क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नियमों को और उदार बनाने की घोषणा की। एकल ब्रांड खुदरा कारोबार में स्वत: मंजूरी के जरिये शत प्रतिशत एफडीआई को मंजूरी दे दी गई जबकि कर्ज बोझ तले दबी एयर इंडिया में 49 प्रतिशत तक विदेशी भागीदारी को हरी झंडी दे दी गई। इसके अलावा निर्माण क्षेत्र की ब्रोकिंग गतिविधियों और पावर एक्सचेंज में विदेशी निवेश नियमों को उदार बनाया गया है।सरकार ने चिकित्सा उपकरणों और विदेशों से कोष प्राप्त करने वाली कंपनियों से जुड़ी आडिट फर्मों के मामले में भी एफडीआई नीति में रियायत दी गई है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में ये फैसले लिये गये।

आइकिया जैसी विदेशी खुदरा विक्रेता कंपनियों को बढ़ावा देने वाली ताजा पहल में सरकार ने एकल ब्रांड खुदरा कारोबार में स्वत: मंजूरी मार्ग से 100 प्रतिशत एफडीआईको मंजूरी दे दी है। इससे पहले भी इस क्षेत्र में 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति थी लेकिन तब इसके लिये पहले मंजूरी लेने की शर्त रखी गई थी।एफडीआई नीति में किये गये ताजा संशोधन का मकसद नीति को अधिक उदार और सरल बनाना है। इससे देश में कारोबार सुगमता को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।

सरकार की तरफ से जारी विज्ञप्ति में इसकी जानकारी देते हुये कहा गया है, ‘‘नीति में किये गये बदलाव से देश में एफडीआई प्रवाह बढ़ेगा परिणामस्वरूप निवेश, आय में वृद्धि होगी साथ ही रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।’’ सरकार ने सार्वजिनक क्षेत्र की विमानन कंपनी एयर इंडिया में विदेशी एयरलाइन कंपनियों को पहले अनुमति लेने की शर्त पर 49 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने को मंजूरी दी है। सरकार की कर्ज के बोझ तले दबी एयर इंडिया के विनिवेश की योजना है। आधिकारिक वक्तव्य में कहा गया है, ‘‘एयर इंडिया में विदेशी एयरलाइन कंपनियों की प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से कुल हिस्सेदारी 49 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिये। इसके साथ ही यह भी शर्त होगी कि एयर इंडिया में बड़ा हिस्सा और उसका प्रभावी नियंत्रण भारतीय नागरिक के हाथों में ही बना रहेगा।’’ एयर इंडिया पर मार्च 2017 अंत तक कुल 48,877 करोड़ रुपये का कर्ज है। इसमें से 17,360 करोड़ रुपये विमानों का कर्ज है जबकि 31,517 करोड़ रुपये कार्यशील पूंजी से जुड़ा रिण है। वर्ष 2017-18 के बजट अनुमान के मुताबिक एयर इंडिया को 2017-18 में 3,579 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा होने का अनुमान है।

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