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जयपुर। राज्य सरकार की ओर से उदयपुर में हाईकोर्ट बेंच स्थापना को लेकर कमेटी गठित करने पर शहर के अधिवक्ताओं ने 1 दिन का सांकेतिक न्यायिक बहिष्कार किया। जिसके चलते हाईकोर्ट और शहर की निचली अदालतों सहित कलेक्ट्रेट में वकीलों ने अपने आप को न्यायिक कार्यों से दूर रखा और पैरवी के लिए अदालत नहीं पहुंचे। वकीलों की ओर से पैरवी नहीं करने के चलते यहां अधिकतर अदालतों में प्रकरणों में आगामी तारीख दी गई। वहीं कुछ प्रकरणों में पक्षकारों ने स्वयं पेश होकर अपना पक्ष रखा।

हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की महासचिव संगीता शर्मा ने बताया कि उदयपुर के वकील मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से मिले थे। मुख्यमंत्री ने स्थापना को लेकर एक कमेटी गठित की है। जबकि वहां हाईकोर्ट बेंच की स्थापना करने का कोई औचित्य ही नहीं है। दूसरी तरफ दी बार एसोसिएशन के महासचिव नरपत सिंह तवर ने कहा कि यदि उदयपुर में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना होती है तो शहर के वकील उग्र आंदोलन करेंगे और अनिश्चितकालीन समय तक अदालतों में न्यायिक बहिष्कार रखा जाएगा। डिस्ट्रिक्ट एडवोकेट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर सुनील शर्मा का कहना है कि जब उदयपुर में कोई बेंच का औचित्य ही नहीं है तो राज्य सरकार की ओर से कमेटी का गठन नहीं किया जाना चाहिए था। यदि ऐसा ही रहा तो हर जिले में वकील हाईकोर्ट की बेंच की स्थापना की मांग करेंगे और आगे चलकर यह मांग हर जिले में सुप्रीम कोर्ट की बेंच होने तक बढ़ जाएगी।

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