जयपुर। मुख्य सचिव डी.बी. गुप्ता की अध्यक्षता में श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन के तहत गठित ‘‘राज्य स्तरीय अधिकार प्राप्त समिति (टास्क फोर्स) ने सोमवार को आयोजित अपनी पांचवी बैठक में 69 ग्राम पंचायातो के 15 क्लस्टरर्स के सम्पूर्ण विकास के लिए 1373 करोड रुपये की परियोजनाओं को अनुमोदित कर दिया ।
गुप्ता ने बैठक में आला अधिकारियों के साथ योजना की प्रगति की विस्तार से समीक्षा की । मिशन के तहत प्रथम चरण में 5 क्लस्टर सालावास (जोधपुर), माजीवाला (बाड़मेर), गोगुन्दा (उदयपुर), बुडसू (नागौर) एवं जुरहेरा (भरतपुर) तथा द्वितीय चरण के 5 क्लस्टर नरायना (जयपुर), अरनोद (प्रतापगढ), पलाना (बीकानेर), रानीवारा (जालोर) एवं नौगांव (अलवर) कुल 10 क्लस्टरों की संशोधित विस्तृत कार्य योजना का अनुमोदन किया गया।
अतिरिक्त मुख्य सचिव, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज राजेश्वर  सिंह ने बताया कि द्वितीय चरण के  तहत भगोरा (बांसवाडा) क्लस्टर तथा तृतीय चरण के तहत चार क्लस्टर डबलीवास कुतुब (हनुमानगढ), भादर (डूंगरपुर), पीलीखेडा (प्रतापगढ) एवं आबापुरा (बांसवाडा) क्लस्टरों की समेकित कार्य योजना  एवं विस्तृत परियेाजना रिपोर्ट  का अनुमोदन किया गया। बैठक में तीनो चरणो में चयनित 15 क्लस्टरर्स के लिये 1373 करोड रुपये की परियोजनाएं अनुमोदित की गई जिसमें योजना मद से 345 करोड की राशि प्रावधित है।
उन्होंने बताया कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशनका उद्देश्य ‘‘ग्रामीण जनजीवन के मूल स्वरूप को बनाये रखते हुये गांवों के क्लस्टर को शहरी माने जाने के लिये सुविधाओ को उपलब्ध कराते हुये रूर्बन गांवो के रूप में विकसित करना है।’’ श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशनराज्य के 13 जिलों के 15 क्लस्टरों में क्रियान्वित किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत प्रथम चरण में 05 क्लस्टर, द्वितीय चरण मेें 06 क्लस्टर तथा तृतीय चरण में 04 क्लस्टर चयनित हैं।
सिंह ने बताया कि रूर्बन क्लस्टर के विकास को दिशा देने के लिए प्रत्येक रूर्बन क्लस्टर के लिए विकास के 14 घटकों आधारित समेकित कार्य योजना तैयार की जाती है। योजनान्तर्गत मद में मैदानी क्षेत्रो के 25000 से 50000 तक की आबादी के क्लस्टर के लिये 30 करोड रुपये तथा जनजातीय क्षेत्र के 5000 से 15000 तक की आबादी के क्लस्टर हेतु 15 करोड रूपये निर्धारित है।

LEAVE A REPLY