सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी
क्रियान्वयन में कर्मचारी महत्वपूर्ण कड़ीः मुख्यमंत्री

जयपुर, 1 फरवरी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार राज्य कर्मचारियों के हित में सदैव तत्पर रही है। अधिकारी-कर्मचारी राज्य सरकार का अभिन्न अंग हैं और वे सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं के निचले स्तर तक प्रभावी क्रियान्वयन में एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं।

गहलोत मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से विभिन्न कर्मचारी महासंघों के प्रतिनिधियों के साथ बजट पूर्व संवाद को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बजट को समावेशी एवं लोक कल्याणकारी स्वरूप देने की दिशा में राज्य सरकार सभी वर्गों के सुझाव ले रही है। इसी क्रम में कर्मचारी महासंघों को भी अपने महत्वपूर्ण सुझाव देने के लिए आमंत्रित किया गया है। इन सुझावों के आधार पर सरकार को कर्मचारी वर्ग के हित में फैसले लेने में मदद मिलेगी।

समस्या समाधान के लिए निरंतर संवाद जरूरी

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार एवं कर्मचारी संगठनों के बीच निरंतर संवाद कायम रहे तो विभिन्न समस्याओं का हल आसानी से हो सकता है। समय पर बातचीत से कई मांगों पर निर्णय लिए जा सकते हैं। उन्होंने विभिन्न कर्मचारी संगठनों को मिलकर एक समन्वय समिति बनाने का सुझाव दिया, ताकि सरकार से संवाद का एक प्लेटफॉर्म बन सके। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के प्रतिनिधि मण्डल मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव वित्त एवं प्रमुख सचिव कार्मिक के समक्ष अपनी वाजिब मांगें रख सकते हैं। राज्य सरकार कर्मचारियों के हित में पूर्व में की गई घोषणाओं को प्राथमिकता से पूरा करने की दिशा में प्रयासरत है।

कोरोना संक्रमण में किया सराहनीय कार्य

गहलोत ने कहा कि कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने अपनी बात प्रभावी ढंग से रखी। जहां तक संभव हो, राज्य सरकार का प्रयास रहेगा कि उनके सकारात्मक सुझावों को बजट में शामिल किया जा सके। उन्होंने कोविड-19 संक्रमण के दौरान अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा किए गए सहयोग की जमकर तारीफ की और कहा कि ‘कोई भूखा नहीं सोए’ के हमारे ध्येय वाक्य को पूरा करने में कर्मचारियों ने सराहनीय कार्य किया।

कर्मचारी हित में उठाए गए कदमों के लिए साधुवाद दिया

विभिन्न कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने बजट पूर्व संवाद में उन्हें आमंत्रित करने की मुख्यमंत्री की पहल की सराहना की। इन प्रतिनिधियों ने मंत्रालयिक कर्मचारियों की नई भर्ती और उनकी समस्याओं के समाधान की दिशा में उठाए गए कदमों, राजस्थान ग्रामीण विकास सेवा के नियमों में विसंगति दूर कर अधिकारियों की पदोन्नति की राह खोलने, नर्स ग्रेड-द्वितीय का पदनाम नर्सिंग ऑफिसर तथा नर्स ग्रेड-प्रथम का पदनाम सीनियर नर्सिंग ऑफिसर करने, 11 हजार 353 राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में उप प्रधानाचार्य के पद सृजित करने, राजकीय माध्यमिक विद्यालयों मेें प्रधानाचार्य के नए पदों के सृजन से व्याख्याताओं को पदोन्नति के बेहतर अवसर उपलब्ध कराने सहित कर्मचारी हित में लिए गए फैसलों के लिए मुख्यमंत्री  अशोक गहलोत को साधुवाद दिया। साथ ही, सभी ने कोरोना संक्रमण के दौरान राज्य सरकार के बेहतर प्रबंधन को भी सराहा।

प्रमुख शासन सचिव कार्मिक  हेमंत गेरा ने बताया कि विभिन्न सेवा नियमों में संशोधन एवं समय पर पदोन्नति के लिए दिशा-निर्देश समय-समय पर जारी किए गए हैं। राज्य बजट को जन केन्दि्रत बनाने की दिशा में विभिन्न वर्गों के सुझाव लिए जा रहे हैं। ऎसे में, कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों सुझाव भी उपयोगी उपयोगी साबित होंगे।

बैठक में मुख्य सचिव ऊषा शर्मा, प्रमुख शासन सचिव वित्त  अखिल अरोरा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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