– ना मासूम और ना ही माता-पिता की आंखों से आसूं थम रहे हैं
– अलवर की मासूम निर्भया से दरिंदगी करने वाले पुलिस पकड़ से दूर
जयपुर। अलवर की मासूम निर्भया के साथ दरिंदगी और फिर उसके साथ की गई गंभीर मारपीट ने प्रदेश को झकझोर दिया है। हर किसी ने मासूम निर्भया के प्रति सहानुभूति दिखाई है, साथ ही ज्यादती करने वाले दरिंदों के खिलाफ सख्त कार्यवाही भी चाही है। बुधवार को ढाई घंटे तक चले ऑपरेशन के बावजूद मासूम निर्भया की हालत स्थिर है। अभी वह सामान्य नहीं है। इस घटना ने उसे काफी विचलित कर दिया है। मूक-बधिर होने और उसके साथ हुई ज्यादती के चलते वो कुछ ज्यादा बोलने की स्थिति में नहीं है। रह-रहकर वह अपने माता-पिता को याद करके सिहर उठती है। उसके मुंह से सिर्फ मां व पापा के बोल निकल रहे हैं। मासूम की आंखों से आसूं थम नहीं रहे हैं और ना ही उसके मजदूर माता-पिता के। वे भी अपनी बेटी की इस स्थिति को देखकर दुखी है और गुमशुम सी स्थिति में है। उधर इस जघन्य कांड को अंजाम देने वाले अपराधी अभी पुलिस पकड़ से दूर है। दो दिन के बाद भी पुलिस दरिंदों तक पहुंच नहीं पाई है, हालांकि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर दरिंदों के बारे में कुछ क्लू मिला है। पुलिस जल्द ही इन्हें गिरफ्तार करने का दावा कर रही है। उधर, मूकबधिर मासूम से दरिंदगी की घटना ने प्रदेश की राजनीति में भूचाल ला रखा है। आज भाजपा के वरिष्ठ नेता किरोडी लाल मीणा, विधायक रामलाल शर्मा, अलका गुर्जर ने रणथंभौर भ्रमण पर आई कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को इस घटना की जानकारी देने के लिए उनकी होटल तक पहुंचे, लेकिन पुलिस ने पहले ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस मामले में भाजपा राजस्थान से रिपोर्ट तलब की है। बीजेपी ने भी जांच कमेटी गठित कर दी है।
– पुलिस खाली हाथ, सीसीटीवी फुटेज के भरोसे
मंगलवार रात को निर्भया के साथ हुई ज्यादती के बाद से अलवर पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है, लेकिन फिलहाल उनकी गिरफ्त से आरोपी दूर है। सीटीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस दरिंदों की तलाश में जुटी हुई है। लेकिन अभी ज्यादा सफल नहीं हो पाई है। मासूम निर्भया के ठीक होने और उसके बयान के बाद ही पुलिस आरोपियों के बारे में जान पाएगी। वैसे पुलिस मासूम के माता-पिता के जरिये आरोपियों के बारे में पडताल में लगी हुई है। पीडिता से दरिंदों के नाम या हुलिया की जानकारी जुटाने में लगी हुई है। जैसे ही पुलिस को कुछ क्लू मिलता है, वह त्वरित कार्यवाही करके आरोपियों को धर-दबोचेगी।
– मजदूरी करते हैं मासूम के मा-पिता
मासूम निर्भया के माता पिता मजदूरी करते हैं। उनके दो बच्चे एक बेटा व एक बेटी है। लोगों का कहना है कि मासूम किशोरी मूक-बधिर व मानसिक रुप से थोड़ी अस्वस्थ है। वह मंगलवार दोपहर में अपने घर से निकलकर सड़क की तरफ गई थी। उसके बाद किसी ने उसे नहीं देखा। बाद में वह दरिंदों के हत्थे चढ़ गई। उसके साथ ज्यादती के बाद दरिंदों ने उसके साथ गंभीर मारपीट की और उसके प्राइवेट पार्टस पर गहरे जख्म दिए। फिर उसे अलवर में तिजारा फ ाटक पुलिया पर फेंक दिया। राहगीरों की सूचना पर पुलिस ने खून से लथपथ बच्ची को अस्पताल पहुंचाया, जहां से उसे जयपुर रैफर कर दिया गया था। जेके लोन अस्पताल में बुधवार को वरिष्ठ चिकित्सकों की टीम ने मासूम का ईलाज किया। करीब ढाई घंटे तक ऑपरेशन किए गए। मासूम के अंदरुनी हिस्से में काफी गहरे घाव थे। ब्लीडिंग हो रही थी। ऑपरेशन से ब्लीडिंग रोकी गई। साथ ही बच्ची के पेट में छेद करके अलग से रास्ता निकाला है, ताकि मल बाहर निकाला जा सके।
– अशोक गहलोत सबसे नाकारा शासक: सतीश पूनिया
बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने अलवर की मूक-बधिर नाबालिग बच्ची से गैंगरेप और दरिंदगी को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए गहलोत के एक ट्वीट को शेयर करते हुए कहा है कि अपने ट्वीट पर ही गौर फ रमा लीजिए राजस्थान के शांतिदूत। कुछ करिए वरना गद्दी छोडिए। पूनिया ने कहा, आप अब तक के सबसे नाकारा शासक साबित होंगे और राजस्थान की कांग्रेस की अंतिम सरकार के साक्षी भी बनेंगे। सरकार की अनदेखी से महिलाएं और बच्चे बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं हैं। निर्भया जैसा कांड सरेआम हो रहा है। महिलाओं के अपराध में राजस्थान देश में अव्वल है। पूनियां ने गहलोत का 23 मार्च 2017 का ट्वीट शेयर किया है, जिसमें गहलोत ने तत्कालीन भाजपा सरकार के वक्त मासूम बच्चियों के साथ बढ़ती बलात्कार की घटनाओं पर चिन्ता जताते हुए लिखा था कि कड़ी कार्रवाई में सरकार की नाकामी से दोषियों के हौसले बढ़े हैं।

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