अलवर। राजस्थान के अलवर जिले के भिवाड़ी औद्योगिक क्षेत्र में प्रदूषित पानी को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सख्त टिप्पणी करते हुए राजस्थान सरकार पर पांच लाख रुपए का हर्जाना लगाया है। ट्रिब्यूनल ने जलदाय विभाग के अफसरों की सैलेरी से पचास हजार रुपए जुर्माना वसूलने के आदेश दिए हैं। मामले में 17 मार्च को सुनवाई तय करते हुए जुर्माना राशि जमा कराने को कहा है। ट्रिब्यूनल ने एक जनहित याचिका पर यह आदेश दिया। याचिका में बताया कि वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के बावजूद फैक्ट्रियों से निकलने वाला केमिकल पानी भिवाड़ी की आबो-हवा खराब कर रहा है। कई बार स्थानीय नागरिक और संगठन इस बारे में शिकायतें कर चुके हैं, लेकिन अधिकारी ध्यान नहीं देते हैं। प्रदूषण से लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने इसे गंभीर मानते हुए राजस्थान सरकार और दोषी विभागों के रवैये पर सख्त टिप्पणी करते हुए पांच लाख का हर्जाना लगाया है। ट्रिब्यूनल ने फैसले में कहा कि भिवाड़ी में केमिकल युक्त पानी का समाधान नहीं करने पर सीइपीटी प्लांट एक लाख रुपए दे। जुर्माना राशि समाज हित में खर्च की जाए। उल्लेखनीय है कि भिवाड़ी में फैक्ट्रियों से निकलने वाले केमिकल युक्त पानी की समस्या को लेकर कई बार धरने-प्रदर्शन हुए। केमिकल युक्त पानी के चलते भूजल में भी केमिकल मात्रा बढऩे लगी है, जिससे पेयजल भी दूषित हो रहा है।

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