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जयपुर। 9 फरवरी, 2०17 को नगीने खरीदने आए अब्दुल रहमान निवासी लिसाडी गेट-मेरठ, उत्तर प्रदेश को गलता गेट थाना पुलिस की ओर से पकड़ कर अवैध हिरासत में रखने तथा 16 फरवरी को मादक पदार्थ के साथ फर्जी गिरफ्तारी करने के मामले में एनडीपीएस मामलों की स्पेशल कोर्ट में जज नेपाल सिंह ने अभियोजन की कहानी को फर्जी बताते हुए आरोपी को दोषमुक्त कर दिया है।

अधिवक्ता आन्दोलन से पूर्व आरोपी की ओर से बहस करते हुए एडवोकेट तारेश कुमार शर्मा ने अदालत को बताया था कि मेरठ से नगीने खरीदने अब्दुल रहमान जयपुर आया था। 9 फरवरी 2०17 को गलता गेट थाना पुलिस उसे ईदगाह से थाने पर ले जाकर अवैध हिरासत में रखा। 16 फरवरी को जेब में 275 ग्राम चरस बता कर उसे गिरफ्तार कर लिया। एफआईआर में पुलिस ने अपराध होने की तारीख भी 9 फरवरी ही अंकित कर रखी है। पुलिस ने मुखबिर से सूचना मिलना बताया, लेकिन सारे तथ्य पुलिस के खिलाफ साबित हुए। कोर्ट ने बरामदगी को संदिग्ध बताते हुए गवाहों के बयानों में भी गंभीर अन्तर्विरोध बताया है।

कथित मादक पदार्थ को पुलिस ने चरस बताया था, जिसे एफएसएल ने गांजा माना है। कुछ फर्दो पर आरोपियों के हस्ताक्षर नहीं होने तथा कांट-छांट को भी कोर्ट ने संदिग्ध कार्यवाही कहा है। जब्त मादक पदार्थ के सेम्पल डेढ़ बजे लेना तथा थाने से रवानगी भी डेढ़ बजे बताने पर कोर्ट ने आदेश में कहा है कि इससे अभियोजन की पूरी कहानी ही धराशाही हो जाती है। जब्त मादक पदार्थ के तौल में 62 ग्राम का अन्तर आने तथा रंग में अन्तर विरोध होने को भी अदालत ने संदिग्ध मानते हुए आरोपी को दोषमुक्त कर दिया।

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