किसानों के आवेदन पीएम किसान पोर्टल पर हो चुके है अपलोड, भारत सरकार के स्तर से हो रही है जांच
केन्द्र को ही जारी करनी है राशि, अभी तक 2068 करोड रूपये की राशि किसानों के खातों मे जमा
जयपुरर। रजिस्ट्रार, सहकारिता डॉ. नीरज के. पवन ने सोमवार को बताया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधी के लिए 21 अक्टूबर तक राज्य के 64 लाख 32 हजार 495 किसानों द्वारा आवेदन किया गया। जिसमें से 55 लाख 71 हजार 384 आवेदन पीएम किसान पोर्टल पर अपलोड़ हो चुकें है। जबकि शेष आवेदन एलजी कोड व स्वघोषणा के आधार पर अस्वीकृत होने से अपलोड़ नही किये जा सकें है।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के स्तर पर किसी भी किसान का कोई भी आवेदन एवं राशि लम्बित नही है। जो प्रक्रिया होनी है वह केन्द्र सरकार के स्तर से होनी है। उन्होंने बताया कि राज्य की ओर से सभी भेजे जा सकने वाले आवेदन भेजे जा चुकें है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा 46 लाख 10 हजार 609 किसानों के पक्ष में प्रथम किश्त के लिए आरएफटी खोली गई। जिसमें से 39 लाख 70 हजार 988 किसानों के खाते मेंं 794.20 करोड़ रूपये की पहली किश्त जमा हो चुकी है तथा शेष 6 लाख से अधिक किसानों की राशि स्वीकृत होना केन्द्र के स्तर पर लम्बित है।

डॉ. पवन ने बताया कि द्वितीय किश्त के लिए भारत सरकार द्वारा 39 लाख 63 हजार 277 किसानों के पक्ष में आरएफटी खोली गई। जिसमें से 39 लाख 36 हजार 514 किसानों के खातों में 787.30 करोड़ रूपये की राशि जमा हो चुकी है तथा शेष राशि केन्द्र सरकार के स्तर पर लम्बित है। उन्होंने बताया कि तृतीय किश्त के लिए भारत सरकार द्वारा 24 लाख 89 हजार 951 किसानों के पक्ष में ही आरएफटी खोली गई। जिसमें से 24 लाख 34 हजार 335 किसानों के खातों में 486.87 करोड रूपये की राशि जमा हो चुकी है शेष किसानों की राशि केन्द्र सरकार से स्वीकृत नही हुई है।

रजिस्ट्रार ने बताया कि द्वितीय किश्त के बाद भारत सरकार स्वयं के स्तर पर किसानों का आधार आधारित प्रमाणन कर रहा है और बिना आधार प्रमाणन के किसानों की किश्त जारी नही हो रही है। उन्होेंने बताया कि राज्य के किसानों द्वारा किये गये आवेदन आधार से ही किये गये है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत सरकार ने गाइड लाइन जारी कर किसानों को आवेदित नाम और आधार कार्ड में उल्लेखित नाम में समानता हो इसके लिए किसान किसी भी ई-मित्र केन्द्र पर जाकर पीएम किसान पोर्टल पर नाम में असमानता को सही करवा सकता है।

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