जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (एनएफएसए) के लाभार्थी परिवारों को नवम्बर 2020 तक निःशुल्क अनाज देने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में एनएफएसए से जुड़े सभी परिवारों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मिल रहे 5 किलो गेहूं प्रतिव्यक्ति तथा 1 किलो चना प्रति परिवार के साथ-साथ एनएफएसए के तहत देय अनाज का निःशुल्क वितरण किया जाएगा।
गहलोत ने सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर कोविड-19 महामारी के संक्रमण की स्थिति की समीक्षा बैठक के दौरान यह घोषणा की। उन्होंने राशन वितरण की व्यवस्था की समुचित निगरानी के निर्देश देते हुए कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में गरीब आदमी के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि उसे समय पर राशन मिले।
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि प्रदेश में लगातार हो रही बारिश और मौसमी बीमारियों के दौर में कोरोना संक्रमण से बचाव के प्रति अधिक सचेत रहें। उन्होंने अधिकारियों को किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए अग्रिम तैयारी करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बदले हुए मौसम में कोई भी व्यक्ति कोरोना से पीड़ित होने पर मुश्किल हालात में फंस सकता है।
गहलोत ने लोगों को भीड़-भाड़ से बचने तथा महामारी से बचाव के लिए सभी हेल्थ प्रोटोकॉल की पालना करने की हिदायत दी। साथ ही, पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सभी पिकनिक स्थलों पर विशेष सतर्कता और सख्ती के साथ सैर करने वालों की भीड़ को इकट्ठा न होने दें। उन्हाेंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे सभी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य संस्थानों में ऑक्सीजन आपूर्ति, आईसीयू बेड तथा वेन्टीलेटर आदि सुविधाओं की लगातार मॉनिटरिंग रखें।
मुख्यमंत्री ने कोरोना के इलाज के लिए प्लाज्मा थैरेपी के व्यापक इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए इस महामारी के संक्रमण के बाद ठीक हो चुके मरीजों को मोबाइल सन्देश भेजकर उन्हें प्लाज्मा डोनेशन के लिए प्रोत्साहित करने का सुझाव दिया। उन्होंने प्रदेशभर में होम क्वारेंटाइन तथा संस्थागत क्वारेंटाइन में हेल्थ प्रोटोकॉल के उल्लंघन को रोकने के लिए गांव स्तर तक गठित स्थानीय निगरानी समितियों की बैठक करने और क्वारेंटाइन से जुड़ी आवश्यकता सुविधाओं की पूर्ति करने को कहा।

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