GST

जयपुर। वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) को गेम चेंजर बताया जा रहा है लेकिन यह गेम चेंजर ही नहीं बल्कि लोगों का भाग्य बदलने वाला भी साबित होगा। जो लोग इसे प्रभावी ढंग से अपनाएंगे, उनके भाग्य में भी परिवर्तन होगा। जिन देशों ने जीएसटी व्यवस्था को अपनाया, वहां की अर्थव्यवस्थाओं में जबर्दस्त सुधार आया है। जीएसटी लागू होने के बाद देश की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में दो प्रतिशत बढ़ोत्तरी होगी। यह कहना था राजस्थान के उद्योग मंत्री, राजपाल सिंह शेखावत का। शेखावत शनिवार को जयपुर के होटल क्लाक्र्स आमेर में जीएसटी पर आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में सम्बोधित कर रहे थे। यह कार्यक्रम काॅन्फडरेशन आॅफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) और राज्य सरकार के वित्त एवं वाणिज्यिक कर विभाग की ओर से आयोजित किया गया था।

उद्योग मंत्री ने आगे कहा कि राजस्थान में 5.2 लाख व्यापारी और सेवा प्रदाता एक जुलाई से लागू हो रही इस नई टैक्स व्यवस्था से जुडने के लिए आवेदन कर चुके हैं। इनमें से 3.5 लाख का रजिस्ट्रेशन हो चुका है। उन्होंने कहा कि उद्यमियों, व्यापारियों और सेवा प्रदाताओं को जीएसटी से डरने की कोई आवश्यकता नहंीं है। जब अर्थव्यवस्था बदलती है तो कर ढांचे में भी बदलाव होता है। जीएसटी से अनेक करों के स्थान पर एक प्रकार का कर लगेगा। जीएसटी अत्यंत मजबूत कर व्यवस्था है। भारत यह व्यवस्था बहुत देरी से अपना रहा है, लेकिन आशा की जानी चाहिए कि यह व्यवस्था प्रभावी ढंग से लागू होगी। इसके तहत एक माह में 30 मिलियन इनवाॅइस तैयार होेंगे।

राजस्थान सरकार के वित्त सचिव (रेवेन्यू), प्रवीण गुप्ता ने कहा कि आज हर कही जीएसटी की चर्चा है। प्रत्येक व्यक्ति जीएसटी की बात कर रहा है और मीडिया भी इस नई कर व्यवस्था को काफी कवरेज दे रहा है। जीएसटी के बारे में इतनी तरह की बातें सामने आ रही है कि कई तरह की आशंकाएं पैदा हो रही है, लेकिन किसी भी तरह डर, बेचैनी या शंका की जरूरत नहीं है। राज्य सरकार ने इसके लिए पूरे राजस्थान में प्रशिक्षण कार्यशालएं आयोजित की है और यह सिलसिला जारी है। यदि किसी को भी शंका या सवाल है तो वह तुरंत इसका स्पष्टीकरण प्राप्त कर सकता है। जीएसटी के लागू होने के बारे में पूछे गए एक सवाल पर उन्होंने कहा कि यह नई कर व्यवस्था एक जुलाई से लागू हो जाएगी। जीएसटी देश में अब एक वास्तविकता बननी ही चाहिए, क्योंकि हम पहले ही जीएसटी को अपनाने वाले देशों की सूची में काफी पीछे हैं।इससे पहले सेंट्रल एक्साइज एंड सर्विस टैक्स डिपार्टमेंट के कमिश्नर, दीपांकर अरोन ने कहा कि 1991 के आर्थिक सुधारों के बाद जीएसटी सबसे बडा आर्थिक सुधार है। जीडीपी और रोजगार में वृद्धि के साथ जीएसटी देश की खोई हुई चमक को वापस लाने में बहुत बडा कदम साबित होगा। वाणिज्यिक कर विभाग के कमिश्नर, आलोक गुप्ता ने कहा कि जीएसटी अभी 160 देशों में लागू है। इसके अनेक लाभ है जैसे यह जीडीपी में वृद्धि कर सकता है। इससे अंततः लोगों को लाभ होगा। चूंकि प्रत्येक नए कानून को लागू करने में थोडी परेशानी आती है, इसलिए इससे जुडा सरकार का प्रत्येक विभाग लोगों की सहायता के लिए सदैव तत्पर रहेगा।

अथेना लाॅ एसोसिएट्स के मैनेजिंग पार्टनर, डाॅ.  प्रमोद कुमार राॅय ने कहा कि जीएसटी को गेम चेंजर बताया जाना बिल्कुल सही है। हालांकि यह जरूरी है कि जीएसटी को लेकर लोगों की शंकाए दूर की जाए, क्योंकि लोग इससे डर रहे हैं। यह सिर्फ उन लोगों के लिए जटिल साबित होगा, जो अपने सामान और सेवाओं का सही हिसाब किताब नहीं रखते हैं। उन्होंने कहा कि नई कर व्यवस्था पूरे देश में एक जैसी होगी और इसे लागू कराने की व्यवस्था भी काफी मजबूत होगी।

सीआईआई राजस्थान स्टेट काउंसिल के चेयरमैन, बसंत खेतान ने लोगों का स्वागत करते हुए कहा कि जीएसटी एक ऐसा कर ढांचा है जो वस्तुओं और सेवाओं में कोई फर्क नहंी करता। इससे प्रतिस्पर्धा बढेगी, भारत से निर्यात बढेगा और मैन्युफेक्चर्सस तथा एक्सपोर्टर्स को फायदा होगा। वर्ष 1947 में भारत भौतिक रूप से एक हुआ था और 2017 में जीएसटी के कारण देश आर्थिक रूप से एक हो जाएगा। सीआईआई राजस्थान स्टेट आॅफिस के डायरेक्टर और हैड,  नितिन गुप्ता ने कहा कि आज के प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल होने के लिए राज्य के दस जिलों से 300 से ज्यादा लोग आए हैं। ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम जोधपुर, कोटा, भीलवाडा और अन्य शहरों में भी किए जाएंगे। प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र के अंत में प्रतिभागियों ने मेलों में पशुओं की बिक्री पर कर, ई-वे बिल, वायर और केबल्स पर टैक्स रेट, सी-फाॅर्म आदि के बारे में कई सवाल पूछे जिनका विषय विशेषज्ञों ने जवाब दिये। सीआईआई राजस्थान स्टेट काउंसिल के वाइस चेयरमैन, अनिल साबू ने अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।

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