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delhi. केन्द्रीय संसदीय कार्य, ग्रामीण विकास. पंचायती राज तथा खान मंत्री नरेन्‍द्र सिंह तोमर ने कहा है कि राष्‍ट्रीय महत्‍व के विभिन्‍न विषयों पर चर्चा में राजनीतिक दलों की व्‍यापक भागीदारी की दृष्टि से संसद का शीतकालीन सत्र, 2018 सफल रहा। श्री तोमर आज नई दिल्‍ली में संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। इस अवसर पर संसदीय कार्य तथा सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्‍वयन राज्‍य मंत्री श्री विजय गोयल भी उपस्थित थे।

तोमर ने कहा कि इस सत्र की विशेष उपलब्धि दोनों सदनों द्वारा 124वां संविधान संशोधन विधेयक पास करना रही। यह ऐतिहासिक उपलब्धि है। यह करोड़ों सुविधा वंचित भारतीय नागरिकों की आकांक्षा है। लम्‍बी बहस में संसद के अधिकतर सदस्‍यों ने विधेयक का समर्थन किया और बहुमत के साथ पारित किया। संसदीय कार्य मंत्री ने विधेयक का समर्थन करने वाले सांसदों को धन्‍यवाद दिया।

मीडिया को संबोंधित करते हुए गोयल ने कहा कि ऐतिहासिक 124वां संविधान संशोधन विधेयक का पारित होना इस तथ्‍य का प्रमाण है कि सरकार संसद में राष्‍ट्रीय महत्‍व के सभी विषयों पर चर्चा करने और महत्‍वपूर्ण विधेयकों को पारित करने के लिए तैयार है बर्शेते सरकार को सभी राजनीतिक दलों का समर्थन मिले।

तोमर ने बताया कि 11 दिसंबर, 2018 को संसद का शीतकालीन सत्र, 2018 प्रारंभ हुआ और मंगलवार 8 जनवरी, 2019 को अनिश्चितकाल के लिए स्‍थगित हो गया। 29 दिनों से अधिक की अवधि में लोकसभा की 17 बैठकें हुईं। राज्‍यसभा 9 जनवरी, 2019 को अनिश्चित काल के लिए स्‍थगित की गई। राज्‍यसभा में 30 दिनों में 18 बैठकें हुईं।

तोमर ने बताया कि लोकसभा में लगभग 47 प्रतिशत और राज्‍यसभा में लगभाग 27 प्रतिशत कामकाज हुआ। सत्र के दौरान 17 विधेयक (लोकसभा में 12 और राज्‍यसभा में 5 ) पेश किए गए। सत्र के दौरान लोकसभा ने 14 विधेयक और राज्‍यसभा ने 4 विधेयक पारित किए। संसद के दोनों सदनों द्वारा 5 विधेयक पारित किए गए। विधेयकों का विस्‍तृत विवरण संलग्‍न है।
सत्र के दौरान 2018-19 के लिए अनुदान मांगों का पूरक दूसरा बैच आया और संबंधित विनियोग विधेयक प्रस्‍तुत होने पर लोकसभा द्वारा विचार-विमर्श करके पास किया गया। विधेयक राज्‍यसभा को भेजा गया और इस पर चर्चा नहीं हो सकी। विधेयक के राज्‍यसभा में प्राप्‍त होने की तिथि से 14 दिनों के अंदर इसके लोकसभा लौटने की संभावना नहीं है। इस अवधि की समाप्ति पर इस विधेयक को उसी रूप में पारित समझा जाएगा जिस रूप में लोकसभा द्वारा संविधान के अनुच्‍छेद 109 के खंड 5 के अंतर्गत पारित किया गया था। इस विधेयक को दोनों सदनों द्वारा पारित समझा जाएगा।
लोकसभा ने 2 महत्‍वपूर्ण अन्‍य विधेयकों- आधार तथा अन्‍य कानून (संशोधन) विधेयक 2019 तथा नागरिकता (संशोधन) 2019 को भी पारित किया। तीन विधेयकों ने निम्‍नलिखित अध्‍यादेशों—(i)मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अध्‍यादेश, 2018 (ii) भारतीय चिकित्‍सा परिषद (संशोधन) अध्‍यादेश, 2018 तथा (iii)कंपनी (संशोधन) अघ्‍यादेश 2018 का स्‍थान लिया। यह विधेयक राष्‍ट्रपति द्वारा लागू किए गए थे और लोकसभा ने विचार के बाद इसे पारित किया। विधेयक अभी राज्‍यसभा में है।

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