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नयी दिल्ली. आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग, पीएनबी धोखाधड़ी मामले सहित अलग अलग मुद्दों पर विभिन्न दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण आज लगातार नौवें दिन भी संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित रही। हंगामे के कारण लोकसभा को जहां एक बार, वहीं राज्यसभा को दो बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया। हंगामे के बीच ही लोकसभा में दो महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित किया गया लेकिन राज्यसभा में महत्वपूर्ण वित्त विधेयक और विनियोग विधेयकों पर चर्चा नहीं शुरू हो सकी। हंगामे के कारण दोनों सदनों में नौवें दिन भी शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो सके।

सुबह, लोकसभा की बैठक शुरू होने पर तेदेपा और वाईएसआर कांग्रेस के सदस्य आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने और राज्य से संबंधित अन्य मांगें उठाते हुए आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। अन्नाद्रमुक के सदस्य कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड बनाने की मांग पर, वहीं तेलंगाना राष्ट्र समिति के सदस्य अपने राज्य में आरक्षण के मुद्दे पर नारेबाजी करते हुए आगे आ गये। कांग्रेस के सदस्य पीएनबी धोखाधड़ी मामले पर अपना विरोध दर्ज करा रहे थे। अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने प्रश्नकाल चलाने का प्रयास किया और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री रामकृपाल यादव ने हेमा मालिनी के एक पूरक प्रश्न का उत्तर भी शोर-शराबे के बीच दिया।

संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने विरोध प्रदर्शन कर रहे सांसदों से अपनी सीटों पर जाने तथा कार्यवाही चलने देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि सरकार पहले दिन से आंध्र प्रदेश, बैंंिकग और कावेरी नदी जल समेत सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। लेकिन सदन में हंगामा नहीं थमा और अध्यक्ष ने सदन की बैठक शुरू होने के करीब पांच मिनट बाद ही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे सदन की बैठक फिर शुरू होने पर तेदेपा के सदस्य और पूर्व केंद्रीय मंत्री अशोक गजपति राजू ने मंत्रिपरिषद से अपने इस्तीफे के संबंध में एक बयान दिया। इसी बीच कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, तेदेपा, वाईएसआर कांग्रेस, अन्नाद्रमुक और टीआरएस के सदस्य अपने अपने मुद्दों पर नारेबाजी करते हुए आसन के पास आ गये। हंगामे के बीच ही श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने कर्मचारियों को ग्रेच्युटी देने से संबंधित ‘उपदान संदाय (संशोधन) विधेयक, 2017 पेश किया। कांग्रेस के ज्योतिरादित्य ंिसधिया ने कहा कि इस महत्वपूर्ण विधेयक पर सदन में सभी दलों के सदस्यों द्वारा चर्चा जरूरी है। लेकिन शोर-शराबे के बीच विधेयक को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी गई। विधि राज्य मंत्री पी पी चौधरी द्वारा पेश ‘विशिष्ट राहत (संशोधन) विधेयक, 2017’ :स्पेशिफिक रिलीफ एमेंडमेंट बिल 2017: को भी विपक्ष के सभी संशोधनों को खारिज करते हुए ध्वनि मत से पारित कर दिया गया। दोनों विधेयक पारित होने के बाद अध्यक्ष ने बैठक पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी।

उधर, राज्यसभा में भी विभिन्न मुद्दों को लेकर हंगामा जारी रहा। उच्च सदन की सुबह बैठक शुरू होने पर पूर्व मंत्री वाई एस चौधरी ने मंत्रिमंडल से अपने इस्तीफे का कारण बताने के लिए आसन से अनुमति दिए जाने का अनुरोध किया। सभापति एम वेंकैया नायडू से अनुमति मिलने के बाद अपना बयान पढ़ते समय चौधरी ने एक ऐसी टिप्पणी की जिस पर कांग्रेस सदस्यों ने गहरी नाराजगी जाहिर की और वे आसन के समक्ष आ गए। नायडू ने चौधरी से कहा कि वही बयान पढ़ा जाए जिसकी अनुमति दी गई है। उन्होंने हंगामा कर रहे सदस्यों से कार्यवाही चलने देने की अपील की। सदन में व्यवस्था नहीं बनते देख उन्होंने 11 बज कर करीब 15 मिनट पर ही बैठक को दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। इससे पहले बैठक शुरू होने पर सभापति ने उच्च सदन की पूर्व सदस्य हमीदा हबीबुल्लाह के निधन का जिक्र किया और सदन की ओर से उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।

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