राजस्थान विवाहों का अनिवार्य रजिस्ट्रीकरण (संशोधन) विधेयक, 2021 ध्वनिमत से पारित
जयपुर, 17 सितंबर। राज्य विधानसभा ने शुक्रवार को राजस्थान विवाहों का अनिवार्य रजिस्ट्रीकरण (संशोधन) विधेयक, 2021 को ध्वनिमत से पारित कर दिया। अब विवाह होने के 30 दिन के भीतर विवाह रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करना अनिवार्य होगा। साथ ही जो वर-वधू जिस स्थान पर 30 दिन से अधिक निवास करते आ रहे हो, वह उस स्थान से संबंधित विवाह रजिस्ट्रेशन अधिकारी के समक्ष भी आवेदन ज्ञापित कर सकते हैं।

इससे पहले संसदीय मामलात मंत्री श्री शांती कुमार धारीवाल ने विधेयक पर हुई चर्चा के जवाब में बताया कि इस संशोधन के बाद अब विवाहित जोड़ा या वर ने 21 और वधू ने 18 वर्ष की आयु पूर्ण नहीं की हो तो उनके माता-पिता या संरक्षक को विवाह होने की तारीख से 30 दिन के भीतर रजिस्ट्रार को आवेदन ज्ञापित करना होगा।
उन्होंने बताया कि हर विवाहित को (चाहे बाल विवाह ही क्यों नहीं हो) रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य होगा। उन्होंने कहा कि संशोधन ये भी नहीं कहता कि ऎसे विवाह वैध होंगे। जिला कलेक्टर चाहे तो उन पर कार्रवाई कर सकते हैं। यह संशोधन केंद्रीय कानून का विरोधाभास नहीं है। उच्चतम न्यायालय का भी फैसला है कि विवाहों के अनिवार्य रजिस्ट्रेशन होना चाहिए। श्री धारीवाल ने कहा कि अब जिला विवाह रजिस्ट्रीकरण अधिकारी के साथ-साथ अपर जिला विवाह रजिस्ट्रीकरण अधिकारी और ब्लॉक विवाह रजिस्ट्रीकरण अधिकारी स्तर पर भी रजिस्ट्रेशन कराया जा सकेगा। ये अधिकारी रजिस्ट्रीकरण के कार्य को निगरानी और पुनरीक्षित कर सकेंगे। इसे आमजन को रजिस्ट्रीकरण कराने में आसानी हो सकेगी। इससे कार्यों में सरलता और पारदर्शिता आयेगी।

संसदीय मामलात मंत्री ने कहा कि विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र विधिक दस्तावेज है। इसके नहीं होने से, विधवाओं को कई योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है। अब अनिवार्य रजिस्ट्रीकरण से वर-वधू में से किसी एक की या दोनों की भी मृत्यु होने पर भी परिजन विवाह रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन कर प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकेंगे। इससे पहले सदन ने विधेयक को प्रचारित करने के सदस्यों के प्रस्ताव को ध्वनिमत से अस्वीकार कर दिया।

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