Negotiable-written-amendment-bill-2017

नयी दिल्ली। तेलंगाना में अलग उच्च न्यायालय की मांग को लेकर तेलंगाना राष्ट्र समिति के सदस्यों ने आज बार-बार लोकसभा में आसन के समीप आकर नारेबाजी की और सरकार से ठोस आश्वासन की मांग की। सरकार की ओर से कल इस विषय पर बात रखे जाने का आश्वासन मिलने के बाद सुबह से हंगामा कर रहे टीआरएस के सदस्यों ने शाम को अपना प्रदर्शन वापस लिया। टीआरएस के सदस्यों ने आज सुबह लोकसभा की बैठक शुरू होते ही आसन के समीप आकर इस मुद्दे पर नारेबाजी शुरू कर दी थी। उधर कांग्रेस के सदस्य केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े के कथित विवादित बयान को लेकर नारे लगा रहे थे। इस कारण से प्रश्नकाल नहीं चल सका और लोकसभा अध्यक्ष ने सदन की बैठक दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। सदन की बैठक दोबारा शुरू होने पर भी टीआरएस के सदस्य आसन के समीप आकर पोस्टर दिखाते हुए नारे लगाते रहे। शून्यकाल में अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने टीआरएस के सदस्यों के अपनी सीटों पर वापस जाने पर उनके नेता एपी जितेंद्र रेड्डी को अपनी बात रखने की अनुमति दी लेकिन पार्टी के कुछ सदस्य आसन के पास ही नारेबाजी करते रहे। टीआरएस के सदस्यों के साथ ही केंद्रीय मंत्री हेगड़े के मुद्दे पर कांग्रेस सदस्यों द्वारा हंगामा एवं नारेबाजी किए जाने के कारण लोकसभा अध्यक्ष ने सदन की बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी । इसके कारण जितेन्द्र रेड्डी को शून्यकाल में अपनी बात रखने का मौका नहीं मिला।

दो बजे सदन की बैठक शुरू होने पर रेड्डी ने कहा कि आंध्र प्रदेश राज्य पुनर्गठन आयोग के तहत उच्च न्यायालय का बंटवारा आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के बीच होना था लेकिन आज तक तेलंगाना को उसका उच्च न्यायालय नहीं मिला है। संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने हंगामा कर रहे टीआरएस सदस्यों से कहा कि वह उनकी भावनाओं और मुद्दे से कानून मंत्री को अवगत करा देंगे। इसके बाद राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र दिल्ली विधियां (विशेष उपबंध) दूसरा (संशोधन) विधेयक, 2017 को हंगामे के बीच ही चर्चा कराके पारित कराया गया। विधेयक पारित होने के बाद कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने नारेबाजी कर रहे टीआरएस के सदस्यों को आश्वासन देते हुए कहा कि वह इस विषय पर कल बात रखेंगे।इस पर टीआरएस के रेड्डी ने कहा कि पिछले साढ़े तीन साल में हमें कई आश्वासन मिल चुके हैं। हम इस आशा के साथ अपना प्रदर्शन वापस ले रहे हैं कि कल हमें इस बारे में ठोस जवाब दिया जाएगा कि तेलंगाना को कब तक उच्च न्यायालय मिल जाएगा।

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