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आठवाॅ विश्व आयुर्वेद सम्मेलन
उदयपुर. आयुष मंत्रालय भारत सरकार ,गुजरात सरकार ,वल्र्ड आयुर्वेद फाउण्डेशन व विज्ञान भारती के साझे में आयुर्वेद का वैश्विक महाकुम्भ वल्र्ड आयुर्वेद कांग्रेस का 4 दिवसीय आठवाॅ संस्करण गुजरात युनिवर्सिटी कन्वेन्शन एण्ड एक्जीहिबिशन सेन्टर अहमदाबाद गुजरात में सम्पन्न हुआ। आठवे विश्व आयुर्वेद सम्मेलन के राज्य प्रतिनिधि व नेशनल आयुर्वेद स्टुडेण्टस एण्ड यूथ एसोशियशन के प्रदेशाध्यक्ष वैद्य संजय संजय माहेश्वरी ने बताया कि इस वर्ष विश्व आयुर्वेद सम्मेलन का शुभारम्भ दिनांक 14 दिसम्बर को गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी व केन्द्रीय आयुष मंत्री श्री येशो श्रीपद नायक के द्वारा दीप प्रज्जवलन के साथ हुआ।

वैद्य संजय माहेश्वरी ने बताया कि यह आयोजन आयुर्वेद से जुड़े सभी संवर्गो यथा वैद्यो, विद्यार्थियो, छात्रो, उत्पादको, शोधार्थियो, आयुर्वेद औषधालय प्रतिनिधियो व सभी आयुर्वेद प्रेमियो के लिए विश्व का सबसे बड़ा मंच है। उन्होने बताया कि पूर्व में 7 विश्व आयुर्वेद सम्मेलनो का आयोजन देश के विभिन्न हिस्सो में हो चुका हैं ,छठे विश्व आयुर्वेद सम्मेलन के दौरान माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सम्बोन्धित किया व आगे भी ऐसे आयोजन करते रहने की शुभकामनाएॅ दी। विज्ञान भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष देश के पहले सुपर कम्पयुटर के अविष्कारक व नालंदा विश्वविद्यालय के कुलपति पदम भूषण प्रो. विजय भाटकर ने बताया कि 9 वें विश्व आयुर्वेद सम्मेलन का आयोजन बनारस मेें होगा। इस सम्मेलन में नेपाल ,भुटान, श्रीलंका आदि पड़ोसी देशो सहित यूरोप के कई देशो व यूनाईटेट स्टेटस सहित 50 से अधिक देशो के प्रतिनिधि व भारत के सभी राज्यो से प्रतिभागीयो ने भाग लिया , 7 विश्व आयुर्वेद सम्मेलनो के बाद पहली बार चीन के प्रतिनिधियो ने भी इस आयोजन में भाग लिया।

आयोजन के दौरान सम्पूर्ण विश्व से आशा से कई अधिक लगभग 5000 से अधिक पंजीकृत अभ्यर्थीयो ने भाग लिया, 87 पेरेलल सेशन हुए ,7 प्लेनेरी सेशन हुए ं ,निःशुल्क अंतर्राष्ट्रीय आरोग्य मेले में लाखो आगन्तुको ने मेले,पब्लिक आउटरिच प्रोग्राम,निःशुल्क ओपीडी का लाभ लिया, 744 शोध पत्रो का वाचन हुआ ,300 से अधिक वैज्ञानिक पोस्टर का प्रदर्शन हुआ,आयुर्वेद से जुड़े विभिन्न विषयो पर राष्ट्रीय अन्र्राष्ट्रीय कार्यशालाओ का आयोजन हुआ। महाकुम्भ के दौरान नेशनल आयुर्वेद स्टुडेन्टस एण्ड यूथ एसोशियशन के बेनर तले देश विदेश के विभिन्न युवा वैद्यो से संवाद का आयोजन किया गया ,इस दौरान आयुष मंत्रालय भारत सरकार के सचिव पदम श्री वैद्य राजेश कोटेचा ने नस्या के द्वारा किये गये कार्यो की प्रशंसा करते हुए विभिन्न राजकीय योजनाओ के क्रियान्विति में सहभागिता के लिए नस्या का आहवान किया व धरातल पर योजनाओ को अमलीजामा पहनाने के लिए यूवा वैद्यो को आगे आने पर जोर दिया।इस दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन में परम्परागत चिकित्सा के प्रतिनिधि डाॅ. गीताकृष्णन,सीसीआरएएस के डायरेक्टर जनरल वैद्य के एस धीमान,भारतीय केन्द्रीय चिकित्सा परिषद के अध्यक्ष वैद्य जयन्त देव पुजारी,नस्या के संरक्षक वैज्ञानिक प्रो.श्रीराम ज्योतिषि, वैद्य प्रीति छाबड़ा ,नस्या के राष्ट्रीय अध्यक्ष वैद्य छगन जांगिड़,नस्या की राष्ट्रीय महासचिव वैद्य पूजा कोहली ने भी विचार व्यक्त किये।

सम्पूर्ण विश्व में भारत के औषधीय पादपो की बढती मांग को देखते हुए व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आयुर्वेद औषधीयो के एक्सपोर्ट को बढाने के आहवान पर औषधीय पादपो के संरक्षण,खेती,भण्डारण,विपणन को बढाने व मनुष्यो के साथ साथ पशुओ पर भी आयुर्वेद के उपयोग को सफल बनाने हेतु इस महाकुम्भ के दौरान अन्तर्राष्ट्रीय वैज्ञानिको को आमंत्रित किया गया व बयर सेलर मीट का भी आयोजन किया गया। इस दौरान भारत के सभी राज्यो व विश्व के अनेक हिस्सो से आये परम्परागत गुणीयो के सम्मेलन का आयोजन किया गया।इस सम्मेलन भी इन गुणाीयो ने बिना किसी मेडिकल डिग्री किये ,अपने पूर्वजो द्वारा परम्परा से प्राप्त ज्ञान व अनुभवो को साझा किया। इस कार्यशाला के मुख्य वक्ता केरल के प्रसिद्व नाड़ी विशेषज्ञ शिवानंद वैद्यर रहे।
इस महाकुम्भ में प्रो. महेश दीक्षित, वैद्य शोभालाल औदिच्य, प्रो. कामिनी कौशल, प्रो. गोपेश मंगल, वैद्य मृगेन्द्र जोशी, प्रो श्रीराम शर्मा, प्रो के एम अग्रवाल , वैद्य पूनीत चतुर्वेदी , वैद्य मनीष सोनी ,सहित राजस्थान के कई शिक्षक ,छात्र-छात्राएॅ व शोधार्थीयो ने भाग लिया।

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