जयपुर। सहकारिता मंत्री  उदय लाल आंजना ने बुधवार को विधानसभा में बताया कि राज्य के राष्ट्रीयकृत बैंकों के आर्थिक रूप से संकटग्रस्त किसानों के एनपीए के रूप में वर्गीकृत 2 लाख रुपये तक के फसली ऋण माफ करने के संबंध में एक मुश्त समझौता योजना लाई जाएगी।
आंजना प्रश्नकाल में विधायकों द्वरा पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने सहकारी बैंकों के पात्र किसानों के अल्पकालीन फसली ऋण माफ करने की घोषणा की थी। उन्होंने बताया कि पात्र किसानों के 30 नवम्बर, 2018 तक बकाया अल्पकालीन फसली ऋण माफ किये जा चुके है।
उन्होंने बताया कि इसके बाद पूरे राज्य से आर्थिक रूप से संकटग्रस्त किसानों के राष्ट्रीयकृत बैंकों का फसली ऋण माफी की मांग की गई। उन्होंने बताया कि इस सम्बन्ध में एक समिति गठित की गई है, जिसकी बैंकों के साथ दो बैठके हो चुकी है।
इससे पहले सहकारिता मंतर््ी ने विधायक श्री बाबूलाल के मूल प्रश्न के जवाब में बताया कि राज्य सरकार ने 19 दिसम्बर, 2018 को आदेश जारी किया है जिसके तहत राज्य की सहकारी बैंकों के निर्दिष्ट पात्रता धारक किसानों का 30 नवम्बर, 2018 को बकाया समस्त अल्पकालीन फसली ऋण माफ करने का निर्णय लिया है।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने सहकारी बैंकों के मध्यकालीन व दीर्घकालीन कृषि ऋणों के सम्बन्ध में भी ऋण माफी का निर्णय लिया है, जिसके तहत सहकारी बैंकों के लघु एवं सीमान्त कृषकों के अवधिपार ऋण खातों, जिनमें 30 नवम्बर, 2018 तक राशि रुपए दो लाख से कम का अवधिपार बकाया हो, को योजनान्तर्गत माफी हेतु मान्य किया गया है। उन्होंने बताया उक्त योजनाओं के अन्तर्गत अब तक 19 लाख 71 हजार किसानों को ऋण माफी का लाभ दिया जा चुका है। योजना का क्रियान्वयन जारी है।
सहकारिता मंत्री ने बताया कि नेशनल बैंक, शेड््युल्ड बैंक एवं आरआरबी से जुडे़ कृषक, जो आर्थिक रूप से संकटग्रस्त हैं और अपना अल्पकालीन फसली ऋण नहीं चुका पा रहे हैं, उनका 30 नवम्बर 2018 की स्थिति में दो लाख रुपये की सीमा तक का अल्पकालीन फसली ऋण, जो एनपीए के रुप में वर्गीकृत है, को माफ करने के लिए बैंकों से परामर्श कर वनटाईम सेटलमेण्ट स्कीम (ओ.टी.एस.) लाये जाने हेतु समन्वय समिति का गठन किया गया है।

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