जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर निर्धारित राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (एनएफएसए) के लाभार्थियों की सीमा को वर्तमान जनसंख्या के आधार पर बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि बीते 10 वर्षों में देश के सभी राज्यों की जनसंख्या बढ़ी है और कई परिवार खाद्य सुरक्षा की पात्रता के दायरे में आ गए हैं। ऎसे जरूरतमंद परिवारों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वर्ष 2021 की अनुमानित जनसंख्या के अनुसार खाद्य सुरक्षा की सीलिंग का पुनर्निर्धारण किया जाना जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने लिखा है कि राज्य में खाद्य सुरक्षा के तहत भारत सरकार द्वारा 2011 की जनगणना के आधार पर 4 करोड़ 46 लाख व्यक्तियों की सीमा (सीलिंग) निर्धारित की गई है। इन लाभार्थियों के लिए प्रति माह 2 लाख 30 हजार 882 मीट्रिक टन खाद्यान्न का आवंटन किया जा रहा है। बीते 10 वर्षों में बड़ी संख्या में परिवार एनएफएसए के पात्र हो गए हैं। कोविड-19 की विषम परिस्थितियों के कारण भी लोगों की आजीविका पर विपरीत असर पड़ा है और उन्हें भी खाद्य सुरक्षा की आवश्यकता है। गहलोत ने आग्रह किया है कि वर्ष 2021 की प्रदेश की 8 करोड़ की अनुमानित जनसंख्या के आधार पर भारत सरकार राज्य में लगभग 74 लाख अतिरिक्त व्यक्तियों को खाद्य सुरक्षा प्रदान करे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की परिस्थितियों के कारण वर्ष 2021 में होने वाली देश की जनगणना में देरी होगी। ऎसे में खाद्य सुरक्षा के दायरे में आने वाले पात्र व्यक्तियों की संख्या के पुनर्निर्धारण में भी विलंब होने की आशंका है। उन्होंने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि लाभार्थियों के नाम जोड़े जाने के लिए वर्तमान में बंद की हुई अपीलीय प्रक्रिया को पुनः शुरू कराया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि जनगणना-2021 पूरी होने तक खाद्य सुरक्षा अधिनियम में उचित प्रावधान करते हुए राजस्थान को उसकी लाभार्थी संख्या 4 करोड़ 46 लाख के अतिरिक्त वर्तमान अनुमानित जनसंख्या के आधार पर लगभग 15 प्रतिशत पात्र व्यक्तियों को खाद्य सुरक्षा के तहत खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए अतिरिक्त सीलिंग बढ़ाई जाए, ताकि मानवीय आधार पर वंचित पात्र व्यक्तियों को लाभान्वित किया जा सके।
गहलोत ने अनुरोध किया है कि यदि केंद्र सरकार को जनसंख्या बढ़ोतरी के आधार पर सीलिंग सीमा का पुनर्निर्धारण करने में कठिनाई आ रही है, तो प्रदेश को 4 करोड़ 46 लाख लाभार्थियों के लिए आवंटित खाद्यान्न का पूरा वितरण सुनिश्चित करने के लिए वर्तमान सीलिंग सीमा मंल ही अन्य वंचित पात्र वर्ग के 5 प्रतिशत लाभार्थियों के नाम जोड़ने की अनुमति प्रदान की जाए। इन 5 प्रतिशत वंचित वर्ग के लोगों में कोरोना से पीड़ित असहाय, एकल महिला, दिव्यांग, गंभीर बीमारी जैसे सिलकोसिस आदि से पीड़ित तथा अन्य जरूरतमंद व्यक्तियों को शामिल किया जा सकता है।