Quami Ekta Conference jaipur, Peace Mission Society
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पीस मिशन सोसायटी द्वारा आयोजित कौमी एकता कांफ्रेंस में सफेद झंडे फहरा कर दिया शांति का संदेश, लोगों को सांप्रदायिकवाद और आतंकवाद के विरुद्ध साझा प्रयास के लिए, किया आह्वान, खचाखच भरा था सभागार, प्रदेश के विभिन्न जिलों से पहुंचे लोग
जयपुर। पीस मिशन सोसायटी की ओर से कौमी एकता कांफ्रेंस का आयोजन रविवार को बिड़ला ऑडिटोरियम में किया गया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने खचाखच भरे ऑडिटोरियम में प्रदेश के धर्म गुरुआें के साथ शांति ध्वज लहरा कर इस कांफ्रेंस का उदघाटन किया। साथ ही लोगों से आह्वान किया कि अमन और मोहब्बत की जो शमां यहां रोशन हुई है, उससे पूरा प्रदेश ही नहीं बल्कि देश भी जगमगाना चाहिए।

कांफ्रेंस के मुख्य अतिथि व लोकतांत्रिक जनता दल के संरक्षक शरद यादव ने कहा कि देश की हजार साला साझी विरासत व संस्कृति को हमें बचाना होगा। हमें जात नहीं, जमाअत बनाना होगा। भारत का संविधान धर्म के आधार पर नहीं बना है। संविधान साझा विरासत का है। यह संविधान जिंदा वाणी है, मरे लाेगों के लिए नहीं जिंदा लोगों के लिए है। मुल्क का संविधा खतरे में है, इसे बचाने के लिए सबको आगे आना चाहिए। संविधान ही नहीं वोट खतरे में है, ईमान खतरे में है, सच्चाई खतरे में है और किसान खतरे में है। हमें इसे बचाना है।

कांफ्रेंस के ही मुख्य अतिथि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के संगठन महासचिव और राजस्थान के पूर्व मुख्य मंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि आज विचारधारा की लड़ाई है। हमें आपस में प्रेम भाईचारा से रहना होगा। जिनकी फितरत असत्य बोलने की है, उनके बारे में क्या कहा जाए। उनसे साढे चार साल में कुछ नहीं हुआ अब वे 50 साल की बात करते हैं। देश का संविधान गांधी, नेहरू, आजाद ओर बाबा साहब अंबेडकर आदि ने मिल कर बनाया। हमें इस संविधान को बचाने के लिए एक जुट होकर आगे बढ़ाना चाहिए। कांफ्रेंस का उदघाटन करने के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा कि देश के आज के माहौल में सभी राजनीतिज्ञों की जिम्मेदारियों ज्यादा बनती है। लोगों ने जाे आशंका बताई हैं, कमियों बताई हैं, उनका समाधन होगा तब ही मुल्क बचेगा, देश बचेगा। देश के अंदर अमन रहे मोहब्बत रहे, भाईचारा रहे, पांच हजार सालों से यह हमारी रंगों व मिटी में यह मिला है। हमें बहकना नहीं है, लोगों को साथ लेकर चलना है। हर समाज में लोग जोड़ने वाले भी हैं और तोड़ने वाले हैं, हम जोड़ने वाले बनें, प्यार करना, मोहब्बत करना, विपरीत परिस्थितियों में सबको एक करना बड़ा काम है।

पीस मिशन सोसायटी के राष्ट्रीय संयोजक मौलाना फज्ले हक ने संकल्प प्रस्ताव आतंकवाद, सांप्रदायिकवाद के विरुद्ध पेश किए। साथ ही मुल्क की आजादी में बलिदान देने वालों को खिराज ए अकीदत पेश करते हुए कहा कि आजादी की 72वीं वर्षगांठ का कौमी एकता में सबसे बड़ा खिराज ए अकीदत यह होगा कि नफरत की दीवारों को गिरा कर हम मोहब्बत का ताज महल बनाएं। हिंदू मुस्लिम मिल कर इस देश को उन्नति की राह पर ले जाएं,यही सच्ची खिराज ए अकीदत होगी।

कांफ्रेंस के संयोजक अमीन कागजी ने स्वागत भाषण दिया। जिसमें कौमी एकता को मजबूत करने पर बल दिया। अवाम से आह्वान किया हमें नफरत की दीवारों को गिरा कर मोहब्बत का ताजमहल बनाना होगा। कांफ्रेंस की अध्यक्षता आध्यात्मिक गुरु , खानकाह ए अशरफिया किछोछा शरीफ के हजरत अल्लामा सैयद मोहम्मद कासिम अशरफ बाबा ने की। अशरफ बाबा ने कहा कि देश में आज कानून संविधान की गरिमा को ठेस पहुंचाई जा रही है। राजस्थान को माबलिचिंग सांप्रदायिक दंगों के जरिए दागदार किया जा रहा है। इस हालात में खामोश तमाशई रहने से जरूरी है हिंद मुस्लिम, सिख, ईसाई के स्ट्रेक्चर को मजबूत किया जाए और उसे आगे बढ़ाया जाए। राजस्थान एक आध्यामित्मक प्रदेश है। कारण, यहां 800 साल पहले रूहानियन के राजा हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती ने इसे कर्म की भूमि बनाई है। गरीब नवाज ने मानवता शांति और मोहब्बत का पैगाम देश में ही नहीं पूरी दुनिया में फैलाया। ख्वाजा साहब ने कहा कि अगर बांटना है तो मोहब्बत को बांटाे। उन्होंने उन मुजाहिदे आजादी को खिराज ए अकीदत पेश किया जिन्होंने मुल्क की एकता और अखंडता के लिए अपनी जानों का नजराना पेश किया।

मुख्य वक्ता हिंदू मुस्लिम जन एकता मंच के संस्थापन, श्रीस्वामी लक्ष्मी शंकराचार्य ने कहा कि इस्लाम में आतंकवाद नहीं है बल्कि इस्लाम आतंकवाद को मिटाने को आया है। उन्हाेनें इस्लाम के संदर्भ में अपने अध्ययन के साथ गीता श्लोक और कुरान शरीफ की आयतों के उद्धरण से समझाया। उन्होंने कहा कि गीता में कहा है कि सनातन धर्म व इस्लाम दुनिया के हर इंसान को अच्छा बनने की ताकीद करते हैं ।

विशिष्ट अतिथि कांग्रेस महासचिव व प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा कि कोमी एकत के लिए पीस मिशन जो र्काय कर रहा है यह आज की बड़ी आवश्यकता है। सारे जहां से अच्छा गीत…..हमारे लिए संदेश है। इस गीत की दो पंक्तियों में ही कौमी एकता का सार है और इसे एक संदेश के रूप में हम ले सकते हैं। उन्हाेंने कहा कि महात्मा गांधी का किस प्रकार उन्होंने एक आवाज दी और उस आवाज मेे कोमी एकता का पुट था अंग्रेजों का मुकाबला करने के लिए सभी लोगों को एक होना पड़ेगा। स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि मेंरे सपने का हिंदुस्तान वो देखना चाहता हूं उसकी आत्मा वेदांत हो और शरीर इस्लाम हो। देश में इस तरह के सम्मेलन आयोजित करने और विचारों को साझा करने की आवश्यकता है। पीस मिशन सोसायटी के कार्यवाहक अध्यक्ष नियाज अहमद निक्कू ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि मुस्लिम समुदाय अपने वतन की मिट्‌टी से बहुत मोहब्बत करता है। मरने के बाद भी अपनी जिस्म की खुशबू देश की मिट्‌टी में मिला देता है। हम अपने देश की हिफाजत के लिए अपनी जान तो दे सकते हैं, मगर इसके मान सम्मान का सौदा दुश्मन से नहीं कर सकते। नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी ने भी विचार व्यक्त किए। पीस मिशन सोसायटी के अध्यक्ष हाजी दाऊद खान कुरैशी ने भोपाल के विजय तिवारी ने कौमी एकता की कविता पेश की। जिया टोंकी ने संचालन किया। इस मौके पर अलवर के सांसद डॉ. जसवंत सिंह यादव, अजमेर के सांसद डॉ. रघु शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री जगननाथ पहाड़िया, पूर्व केंद्रीय मंत्री नमोनाराण मीणा, पूर्व सांसद महेश जोशी, पूर्व राज्यसभा सांसद अश्क अली टांक, पूर्व चिकित्सा मंत्री एमादुद्दीन दुर्रू मियां, पूर्व मंत्री बीडी कल्ला, पूर्व मंत्री कमला बेनीवाल, पूर्व शिक्षा मंत्री बृज किशोर शर्मा, पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री नसीम अख्तर इंसाफ, पूर्व विधायक हाजी कैयूम खान, पूर्व विधायक प्रताप सिंह खाचरियावास, पूर्व विधायक स्वालेह मोहम्मद , दरगाह कमेटी के पूर्व अध्यक्ष असरार अहमद खान, पूर्व विधायक अलाउद्दीन आजाद समेत विभिन्न गणमान्य लोगों ने भी शिरकत की। मुंबई से केंद्रीय हज कमेटी के सदस्य इब्राहीम भाईजान व तारीक फारूखी, पूर्व चैयरमेन स्माल स्केल इंडस्ट्रीज, पीस मिशन सोसायटी के उपाध्यक्ष अब्दुल अजीज मंसूरी, मकसूद अहमद, अरविंद भारद्वाज एडवोकेट, इरशाद चौधरी, लईक अहमद, वीरेंद्र झाला, मंजूर तंवर, इरफान चौधरी, रफीक गारनेट, डॉ. मुजीब आदि ने अतिथियों का स्वागत किया

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